चौरीचौरा, गोरखपुर: प्राप्त सुचना के अनुसार चौरीचौरा जन विद्रोह के नायकों में एक नजर अली के पौत्र कुरेश अहमद का एक लंबी बीमारी के बाद देर रात देहावसान हो गया.
बता दें कि शहीद के पौत्र होने के कारण उनको स्वतंत्रता सेनानी का पेंशन मिलता था. दीन पसंद, ईमान से लबरेज रहने वाले कुरेश अहमद चौरीचौरा विद्रोह के शताब्दी वर्ष पर होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों से खुश थे.
गौरतलब है कि कुरेश अहमद अपने पितामह के गाँव डुमरी खुर्द से 10 किलोमीटर दूर पैकौली लाला, सुकरौली कुशीनगर में रहते थे, जहां देर रात उनके प्राण पखेरू हो गए.
उपर्युक्त दुखद समाचार से अन्य ग्रामीण के अलावा शुभ चिंतकों ने गहरा दुःख व्यक्त किया है. स्वर्गीय अहमद अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं, उनके पार्थिव शरीर को आज सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया.
उनके पुत्र जाने माने समाज सेवी आखिरुज्जमा ने अपने वालिद को याद करते हुए कहा कि वे बेहद संवेदनशील और मानवता के पुजारी थे.