By- THE FIRE TEAM
TV9 न्यूज चैनल के पत्रकार चिराग पटेल अब इस दुनिया में नही रहे। लेकिन हम सब चुप हैं चुप ही रहेंगे क्योंकि हमारा क्या जाता है कुछ नहीं ना, हमारे या हमारे परिवार के साथ तो कुछ नही हुआ।
आमतौर पर एक पत्रकार की जरूरत कब पड़ती है, जब किसी नेता को प्रेस कॉन्फ्रेंस करवानी हो, कोई न्यूज़ देनी हो, ऐसे मुद्दे जिसे सरकार सुन ना रही हो उसे जन-जन तक पहुँचाने के लिए।
लेकिन जब वही पत्रकार किसी समस्या का सामना करता है तब सब चुप हो जाते हैं। बोलते है जैसा करेगा वैसा भरेगा। एक निष्पक्ष पत्रकार की भूमिका समाज में बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण है। ऐसे पत्रकार वो चीजे जनता के सामने लेके आते हैं जिन्हें उनसे छुपाया जाता है और ऐसा करना जान जोखिम में डालना होता है।
चिराग पटेल जिनकी हत्या का मामला अभी तक सुलझा ही नहीं है, बिना किसी निष्कर्ष के ही मामले की जांच आत्महत्या को लेके की जा रही है।
अहमदाबाद मिरर अख़बार ने लिखा है कि इसकी जांच के काम में इलाके के पुलिस उपायुक्त के अलावा 6 आई पी एस अफसरों की मदद ली जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि चिराग पटेल के शरीर पर बाहरी चोट के निशान नहीं हैं। शरीर का निचला हिस्सा ज़्यादा बुरी तरह जला है।
अहमदाबाद मिरर की रिपोर्ट के अनुसार चिराग पटेल का शरीर जहां जला मिला है उसके आस-पास 4-5 फीट तक जलने के निशान हैं। हो सकता है कि मार देने के बाद जलाया गया हो।
सीसीटीवी फुटेज में चिराग अकेला दिख रहा है. पानी का बोतल खरीद रहा है। उसके चेहरे पर कोई तनाव नहीं है। मौत से पहले अपने दोस्त से फोन पर राजनीति पर बातचीत हुई थी।
अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना ठीक नहीं है। लेकिन चिराग पटेल के जलने के कारणों को सत्यापित किया जाना चाहिए। सिर्फ चिराग पटेल ही नहीं बल्कि ऐसे और भी बहुत से पत्रकार हैं जो गंदी राजनीति की वजह से आज हमारे बीच नहीं हैं।
आसान नही है रास्ता सच्चाई का…
हर मोड़ पे बैठे हैं जान के दुश्मन…
#being_journalist
निशांत गौतम