केंद्र सरकार के द्वारा पारित किए गए कृषि विधेयक को लेकर अब यह विरोध सदन में भी बढ़ता जा रहा है. इस विषय में प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कृषि विधेयक की प्रतियां फाड़ते हुए इसे किसान विरोधी बताया.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश का अन्नदाता आज ठंड के ठिठुरते मौसम में सड़कों पर दिन और रात गुजारने के लिए विवश हो चुका है.
Arvind Kejriwal tears copies of Centre's farm laws, says cannot 'betray' farmers#FarmersProtest #FacebookJioAgainstFarmershttps://t.co/HcG7CXlyxI pic.twitter.com/spVgnTIMV0
— Invincible Warrior (@er_sumo) December 17, 2020
वास्तविकता यह है कि भाजपा सरकार सिर्फ किसानों को गुमराह करने का कार्य कर रही है. इन कानूनों के फायदे बताने के लिए भाजपा ने अपने सारे दिग्गज नेता उतार दिया, लेकिन किसी को पता नहीं है कि इन कानूनों का फायदा क्या है.
अगर यह इतना ही सकारात्मक विधेयक है तो क्या इसके फायदे को सिर्फ भाजपा के नेता ही समझ सकते हैं, जनता क्यों नहीं समझ पा रही है.
The hypocrisy of Arvind Kejriwal…
– Delhi government notifying new Farm Laws on 23Nov2020
– Promising amendment to APMC and more private investment in AAP’s 2017 Punjab manifesto
– AAP MPs signing a parliamentary report
– Kejriwal defending the laws himselfAnd then flipping! pic.twitter.com/9M0TGDaCdP
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 18, 2020
1907 में अंग्रेजों के समय भी 3 किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ किसानों का ऐसा ही आंदोलन हुआ था जिसके कारण अंग्रेज सरकार को भी संशोधन के लिए तैयार होना पड़ा था.
किन्तु आज वर्तमान केंद्र की भाजपा सरकार अपनी हठधर्मिता के कारण झुकने को तैयार नहीं हो रही है.