लॉकडाउन के दौरान आम जनता पर दर्ज किए किए गए मुकदमों को यूपी सरकार ने वापस लेने का ऐलान किया है, जिससे लोगों को काफी राहत मिली है.
सीएम योगी के इस सराहनीय फैसले को लेकर लोगों के बीच चर्चा जारी है. योगी ने कहा कि कोरोना वायरस के नियंत्रण को लेकर लगे लॉकडाउन के दौरान कोरोन गाइड लाइन का उल्लंघन करने वालों को पकड़ कर पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे.
आपको बता दें कि आम जनता पर करीब ढाई लाख मुकदमे दर्ज किए थे जिन्हें अब वापस लिया जाएगा हालांकि इससे पहले योगी सरकार कोरोना गाइड लाइन का पालन न करने
तथा लॉकडाउन तोड़ने को लेकर व्यापारियों पर दर्ज मुकदमे हटाने का भी ऐलान कर चुकी है.
कोर्ट कचहरी के नहीं लगाने होंगे चक्कर:
लोगों को अब कोर्ट-कचहरी के झंझट से छुटकारा मिल गया है. इससे पहले यूपी सरकार प्रदेशभर के व्यापारियों पर भी कोविड-19 और लॉकडाउन तोड़ने को लेकर दर्ज किए गए मुकदमे वापस ले चुकी है.
ऐसा करने वाला यूपी देश का पहला राज्य:
कोविड-19 प्रोटोकॉल और लॉकडाउन उल्लंघन के मुकदमे वापस लेने की घोषणा करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है. सरकार मुकदमे वापस लेने के साथ ही व्यापारियों को
भविष्य में ऐसी स्थितियों में विशेष एहतियात बरतने की चेतावनी भी दे चुकी है. इन मुकदमों की वापसी से पुलिस और न्यायालय से भी बोझ कम होगा और उन्हें आवश्यक चीजों की जांच के लिए मौका मिल सकेगा.
व्यापारियों ने मुकदमे वापस लेने को लेकर उठाई थी आवाज:
उत्तर प्रदेश युवा उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के वरिष्ठ महामंत्री अशोक मोहियानी, कार्यवाहक अध्यक्ष अनिल बजाज और अन्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय रक्षा मंत्री
राजनाथ सिंह से मुलाकात कर मुकदमे वापस लेने की मांग की थी. इसको लेकर लेकर व्यापारी प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक से मुलाकात भी कर चुके हैं.
इस पर कार्रवाई करते हुए मंत्री ने प्रमुख सचिव को मुकदमों का जिले से ब्योरा तलब कर वापसी की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए थे. सरकार का मानना है कि कोविड के मुकदमों के कारण व्यापारियों को अनावश्यक परेशानी उठानी पड़ेगी.