निर्वाचन आयोग को भंग करके इसके सदस्यों की जांच की जानी चाहिए: कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा

मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री ने चुनाव आयोग कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा है कि वर्तमान निर्वाचन आयोग को भंग किया जाना चाहिए,

उसके सदस्यों के कदमों की जांच करने की जरूरत है, निर्वाचन आयोग ने खुद को कलंकित करके मतदाताओं के विश्वास के साथ धोखा किया है.

ध्यान देने वाला पहलू यह है कि आनंद शर्मा ने यह मांग ऐसे समय किया है जब 4 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं.

आनंद शर्मा ने यह भी मांग किया कि निर्वात मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए संख्या तथा उनकी पात्रता पर निर्णय करने वाले आयोग

के निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से काम करने के लिए दिशा निर्देश तय करने के साथ ही सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ को फैसला करने की आवश्यकता है.

चुंकि निर्वाचन आयोग ने अनुच्छेद 324 के तहत प्राप्त अधिकारों का उल्लंघन करने का कार्य किया है. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के दौरान उसके द्वारा उठाए गए

कदमों पर पक्षपात साफ तौर पर दिख रहा है. यह निंदनीय तथा विस्मयकारी है, इसने भाजपा को बिना किसी पाबंदी के बड़ी जनसभाओं को करने की

अनुमति देकर निर्वाचन आयोग ने स्वयं कोविड-19 कॉल का उल्लंघन का दोषी बन गया है, इसे जवाबदेह संस्थान के रूप में स्थापित करने की आवश्यकता है.

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