दलित राजनीति का बड़ा चेहरा तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बूटा सिंह का हुआ निधन

कांग्रेस के जाने-माने वरिष्ठ नेता तथा एक साथ कई पदों पर कार्य कर चुके बूटा सिंह का अचानक निधन हो गया है. बूटा सिंह ने राजीव गाँधी सरकार में देश के गृह मंत्री और कृषि मंत्री का पदभार संभालने के साथ बिहार के राज्यपाल भी रहे थे.

इनके निधन से दलित चेहरे के रूप में चर्चित एक बड़े नेता की क्षति हुई है. बूटा सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित राहुल गांधी तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं ने शोक जताया है.

26 अक्टूबर, 2020 को 86 वर्ष की अवस्था में बूटा सिंह को ब्रेन हेमरेज हुआ था जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था.

यहां इनका इलाज चल रहा था किंतु 2 जनवरी को उन्होंने अंतिम सांसें लीं. आपको बता दें कि यह कांग्रेस नेता लगातार 1967 से पंजाब के रोपण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ते आ रहे थे और जीत भी दर्ज किया.

राजनीति में आने से पहले बूटा सिंह पत्रकारिता किया करते थे. उन्होंने अपना पहला चुनाव अकाली दल के उम्मीदवार के रूप में लड़ा था किंतु बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए तथा

1962 में तीसरी लोकसभा के लिए पंजाब के मोगा सीट से चुने गए थे. 1968 में लोक लेखा समिति के भी सदस्य रहने वाले बूटा सिंह वर्ष 2007 से 2010 तक अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष का पद भी संभाला.

यह नेहरू-गांधी परिवार के बहुत करीबी रहे थे जिसके कारण इनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ने लिखा है कि-

“सरदार बूटा सिंह के निधन से जनसेवा करने वाले एक बड़े नेता को हमने नेता खो दिया है. जनता की भलाई के लिए समर्पित बूटा सिंह को सदैव याद किया जाता रहेगा.”

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