वर्तमान समय में भारत गंभीर कोरोनावायरस संक्रमण की समस्या से जूझ रहा है. इसके निराकरण के लिए सरकार ने टीकाकरण का अभियान तो चलाया है,
किंतु जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए जिस अनुपात में कोरोनावायरस वैक्सीन की जरूरत है वह उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. इसके लिए लगातार कई राज्य केंद्र से मांग कर रहे हैं कि
बढ़ते कोरोना संकट में वैक्सीन की कमी एक अतिगंभीर समस्या है, ‘उत्सव’ नहीं-
अपने देशवासियों को ख़तरे में डालकर वैक्सीन एक्सपोर्ट क्या सही है?केंद्र सरकार सभी राज्यों को बिना पक्षपात के मदद करे।
हम सबको मिलकर इस महामारी को हराना होगा।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 9, 2021
उन्हें टीके उपलब्ध करवाये जाएं और इसके लिए सरकार अपना पक्षपातपूर्ण रवैया छोड़े. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि- “बढ़ते कोरोना संकट में वैक्सीन की कमी एक अति गंभीर समस्या है, यह ‘उत्सव’ नहीं है.”
किंतु आज सरकार अपने देशवासियों की जान खतरे में डालकर वैक्सीन दूसरे देशों को एक्सपोर्ट कर रही है. हमें एक साथ मिलकर इस महामारी को हराना पड़ेगा.
आपको यहां बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं कोरोना का जायजा लेने के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात किया था और इसे एक चुनौतीपूर्ण स्थिति करार दिया.
पीएम ने कहा कि देश कोरोना के फर्स्ट वेब के समय को पार कर चुका है. आज हमारे पास कोरोनावायरस के लिए अच्छे संसाधन हैं जैसे पीपीई किट तथा वैक्सीन.
आने वाले 11 से लेकर 14 अप्रैल के बीच ‘वैक्सीनेशन फेस्टिवल’ को ऑर्गेनाइज करना चाहिए तथा ऐसे लोगों को इसकी शॉट देने की जरूरत है जिन्हें सबसे अधिक जरूरत है.
इसके साथ ही हमें यह प्रयास करना होगा कि वैक्सीन के वेस्टेज को भी रोका जाए.