pti/image

राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तो चलता रहता है किंतु इसी क्रम में कई गंभीर टिप्पणियां अपने कई अर्थ निकालते हुए गंभीर परिणाम भी दे जाती हैं.

ताजा मामला वर्तमान में कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे के बयान से जुड़ा है जिसमें इन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि-

“हमारे पीएम हमेशा से कहते आ रहे हैं कि मैं गरीब हूं. लेकिन कितने दिन तक वह ऐसा कहेंगे.? अगर देखा जाए तो आप साढ़े 13 वर्षों तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे,

प्रधानमंत्री के रुप में आपका नौवां वर्ष चल रहा है फिर भी आप वही बात दोहराते रहते हैं, मैं गरीब हूं. व्यक्तिगत रूप से मैं आपकी बहुत इज्जत करता हूं.”

किंतु अगर देखा जाए तो नरेंद्र मोदी ने गुजरात चुनाव में कहा कि वे गरीब हैं. वे इसी जगह से हैं, आप लोग मुझे सपोर्ट करो.

एक प्रधानमंत्री को ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि कुछ दूसरी पार्टियां जो चुनाव में प्रचार कर रही हैं वे बाहर हो जाएंगी. प्रधानमंत्री रहते हुए उनको अपनी गरिमा का ख्याल रखना चाहिए.

आज मुझे यह बोलना पड़ रहा है कि मैं दलित हूं. होटल में अगर आप चाय बनाते हैं तो लोग चाय पीते हैं किंतु दलितों का बनाया हुआ चाय कोई नहीं पीता है.

यह बहुत ही शर्मनाक है कि संवैधानिक मूल्यों के अंतर्गत अनुच्छेद 17 के तहत देश में अस्पृश्यता अथवा छुआछूत पर रोक लगा दी गई है.

किंतु दलितों और अछूतों को वास्तव में जो समानता का एहसास होना चाहिए उसे अभी हम मुकम्मल ढंग से नहीं पा सके हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here