प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधायकों और सांसदों को पहले कोरोना टीका लगाने का प्रस्ताव ठुकराया

प्राप्त जानकारी के अनुसार विश्व स्तर पर फैली कोरोनावायरस महामारी को रोकने के लिए बनाए गए टीकाकरण का अभियान शुरू हो चुका है.

इस पहल के मुताबिक भारत में पहले चरण में तीन करोड़ लोगों को कोरोनावायरस इन वैक्सीन लगाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

इनमें स्वास्थ्य कर्मी तथा फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल है किंतु इस टीके को लेकर कई तरह के विवाद भी देखने को मिला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों और विधायकों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाने के प्रस्ताव को यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि यह लोगों को बहुत बुरा संकेत देगा.

कोविड-19 टीकाकरण अभियान को लेकर मुख्यमंत्रियों की एक बैठक के दौरान पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने यह मांग किया कि-

“सांसदों और विधायकों को प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 का टीका सबसे पहले लगाया जाना चाहिए क्योंकि ये जनप्रतिनिधि भी इस वायरस से निपटने में अग्रिम पंक्ति में हैं और वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लोगों के साथ बातचीत करते रहते हैं.”

दरअसल यह टीका पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को लगेगा जिसका पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी जबकि दूसरे चरण में 50 वर्ष से ऊपर और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को इससे जोड़ा जाएगा.

इनकी संख्या लगभग 27 करोड़ रहेगी, प्रधानमंत्री ने कहा है कि पहले चरण के खत्म होने तक कई और वैक्सीन भी हमारे पास होंगे हम फिर उस पर विचार करेंगे.

हालांकि प्रधानमंत्री ने टीकाकरण को लेकर यह सुनिश्चित करते हुए अपील किया कि वैक्सिन को लेकर कोई अफवाह ना फैलाएं, अगर मगर से बात नहीं बनेगी.

देश और दुनिया के अनेक स्वार्थी तत्व हमारे अभियान में रुकावट डालेंगे कभी कंट्री प्राइड की बात होगी तो कभी प्रतिद्वंदिता की, हमें ऐसी हर कोशिश को नाकाम करने की जरूरत है.

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!