मिली सूचना के मुताबिक विख्यात परमाणु वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष लंबे समय से बीमार होने तथा कोविड-19 से संक्रमित होने के कारण कोलकाता के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली.
इनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट किया है कि-डॉक्टर बासु का निधन देश के लिए एक बड़ी क्षति है.
पद्मश्री वैज्ञानिक डॉ. शेखर बसु के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दुख जताया। डॉ. शेखर बसु का 68 साल की उम्र में आज कोलकाता में निधन हो गया था। https://t.co/Zn4lWeObNq #DrShekharBasu @rashtrapatibhvn pic.twitter.com/1HY9vvgNu6
— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) September 24, 2020
इस विषय में स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि वह किडनी संबंधित रोगों से पीड़ित होने के साथ कोरोना वायरस के संक्रमण के भी शिकार थे.
आपको यहां बताते चलें कि डॉ बसु पेशे से एक मैकेनिकल इंजीनियर थे एवं ‘परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम’ में योगदान देने के कारण उन्हें वर्ष 2014 में पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा गया था.
इन्होंने भारत के परमाणु ऊर्जा से संचालित पहली पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत के लिए बेहद जटिल रिएक्टर के निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाया था जिसके लिए देश इनका सदैव आभारी रहेगा.