BY- THE FIRE TEAM
पिछले सप्ताह पंजाब के संगरूर जिले में एक 37 वर्षीय दलित व्यक्ति को पीटा गया और पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया था।
संगरूर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संदीप गर्ग ने कहा, “उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च में अपनी चोटों के कारण दम तोड़ दिया।”
पिटाई इतनी बेरहमी सेे करी गई थी कि इलाज के दौरान व्यक्ति के पैरों को काटना पड़ा था।
पुलिस उपाधीक्षक बूटा सिंह ने बताया यह घटना 7 नवंबर को हुई थी जब जगमेल सिंह को कथित तौर पर दो लोगों ने उठाया था।
जगमेल सिंह को एक खंभे से बांध दिया गया था और कथित तौर पर चार लोगों द्वारा बुरी तरह पीटा गया था।
जगमेल ने बताया, “आरोपी ने मुझे लाठी और डंडों से पीटा। मैंने पानी मांगा, तो उन्होंने जबरन मुझे पेशाब पिलाया।”
पुलिस की शिकायत के अनुसार, सिंह का 21 सितंबर को रिंकू नाम के एक व्यक्ति के साथ कुछ विवाद हो गया था, लेकिन वे समझौता कर चुके थे।
रिंकू के साथ तीन अन्य लोगों को अपहरण, गलत तरीके से कारावास, हत्या का प्रयास करने, भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत स्वेच्छा से चोट पहुंचाने और अन्य आरोपों के तहत लेहरा थाने में गिरफ्तार किया गया है।
पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने शुक्रवार को पुलिस से घटना के बारे में रिपोर्ट मांगी।
आयोग की चेयरपर्सन तेजिंदर कौर ने कहा कि उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स से इस घटना के बारे में जाना और मामले में संज्ञान लिया है।
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