बिहार में भाजपा के संकट मोचक सुशील मोदी का कैंसर की बीमारी से निधन

Delhi: लंबे समय से बीमारियों से ग्रसित सुशील कुमार मोदी जो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भी थे, 72 वर्ष की आयु में कैंसर की बीमारी की वजह से निधन होने की सूचना प्राप्त हुई है.

ऐसा बताया जा रहा है कि दिल्ली स्थित एम्स में उनका इलाज चल रहा था जहां उन्होंने 72 वर्ष की आयु में अपनी अंतिम सांस ली.

सुशील मोदी बिहार में भाजपा के संकट मोचक कहे जाते थे. उन्हें वर्ष 2020 में पार्टी ने राज्यसभा भेजा था. बताते चलें कि 5 फरवरी, 1952 को जन्मे सुशील मोदी ने

पटना यूनिवर्सिटी से अपनी शिक्षा पूर्ण करते हएउ यहीं से अपने राजनीतिक जीवन की भी शुरूआत किया. 1973 में पटना विश्वविद्यालय से इन्होंने स्टूडेंट यूनियन के जनरल सेक्रेटरी का पद जीता था.

जयप्रकाश आंदोलन तथा इमरजेंसी के दौरान सुशील मोदी को जेल भी जाना पड़ा था और 19 महीने तक इन्होंने जेल में ही बिताए थे.

1990 के दौर में इन्होंने सक्रिय राजनीतिक भागीदारी प्रारंभ किया. इसके बाद पटना सेंट्रल विधानसभा से विधायक चुने गए.

नीतीश कुमार की सरकार में पार्लियामेंट्री अफेयर्स मिनिस्टर रहते हुए इन्होंने अलग झारखंड राज्य की मांग का भी समर्थन किया था.

2005 में जब बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए सत्ता में आई तब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने तथा भाजपा ने सुशील मोदी को अपने विधायक दल का नेता बनाते हुए उप मुख्यमंत्री का पद दिया. 

सुशील मोदी ने 3 अप्रैल को x पर पोस्ट करते हुए स्वयं के कैंसर से पीड़ित होने की जानकारी दिया था. उन्होंने लिखा कि-“पिछले 6 माह से कैंसर जैसी बीमारी से लड़ रहा हूं. 

लोकसभा चुनाव में इस बार कुछ नहीं कर पाऊंगा. पीएम मोदी को सब कुछ बता दिया है. देश, बिहार और पार्टी का सदैव आभारी रहूंगा.”

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