एक तरफ देश में भारतवंशी ऋषि सुनक का ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने को लेकर जश्न मनाया जा रहा है. वहीं एक नई राजनीतिक बहस भी छिड़ती नजर आ रही है
जिसमें यह पूछा जा रहा है कि क्या किसी अल्पसंख्यक व्यक्ति को भी प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने का मौका दिया जाएगा.?
इस विषय में एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बयान दिया है कि- “इंशाअल्लाह एक दिन हिजाब पहनने वाली बच्ची देश की प्रधानमंत्री बनेगी.”
ओवैसी बोले- 'इंशाअल्लाह, हिजाब पहनने वाली बच्ची एक दिन भारत की प्रधानमंत्री बनेगी'
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— BBC News Hindi (@BBCHindi) October 25, 2022
उन्होंने भाजपा के एजेंडे पर हमला बोलते हुए कहा कि इस पार्टी का मकसद देश के मुसलमानों को हटाना है, देश के लिए हलाल मांस खतरा है,
मुस्लिमों की दाढ़ी खतरा है, टोपी खतरा है, उनका खाना, पीना, सोना, ओढ़ना सब खतरा है. दरअसल भाजपा मुस्लिम पहचान के विरुद्ध है.
यहां तक कि दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि मुसलमानों का बहिष्कार करें, उनकी जो पहचान है उसे हमेशा के लिए खत्म कर दो.
सोचने का विषय है कि जिस पार्टी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह कहते हैं कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास.
किंतु जब उन्हीं के पार्टी के सांसद मुस्लिमों के विरुद्ध ऐसी आग उगलते हैं तो इस पर क्या कहा जाए? यह सोचना होगा.
बता दें कि ओवैसी ने एनआरसी का मुद्दा भी उठाते हुए केंद्र सरकार को घेरकर ट्वीट किया है कि मोदी सरकार की नीति मुसलमानों को संदेह की नजर से देखने की है.
अकेले मुस्लिम ही प्रोफाइल क्यों बदनाम किए जा रहे हैं.? हिंदू समुदाय भी सीमावर्ती क्षेत्रों के पास रहते हैं, क्या उन्हें प्रोफाइल किया जा रहा है?
अथवा हुए पिछले दरवाजे से एनआरसी को लाएंगे क्योंकि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के साथ काम करने वालों की लिस्ट में गैर मुस्लिमों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसमें सुरक्षाकर्मियों के अतिरिक्त भाजपा के नेता भी शामिल मिले हैं.