New Delhi: लोकसभा चुनाव 2024 अपने पांच चरणों को पूरा करके अब छठवें चरण में पहुंच चुका है. जैसा कि सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख अपनी-अपनी पार्टी
के प्रत्याशियों को जीताने के लिए जनता से लगातार जनसंपर्क बनाकर अपने पक्ष में वोटिंग करने के लिए उत्साहित कर रहे हैं.
इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सघन रैलियों के माध्यम से अपने समर्थकों में जोश भरने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं.
किंतु समझने का फेर यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान उटपटांग ही नहीं बल्कि सोचने वाले बन चुके हैं कि आखिर अच्छे दिनों का वादा करके सत्ता में आए यह मंगलसूत्र बचाने की बात पर आ चुके हैं.
एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान नरेंद्र मोदी ने कहा- INDIA वाले आपके बैंक खाते बंद कराके उसका पैसे छीन लेंगे,
घर के बिजली कनेक्शन काटकर अंधेरा कर देंगे, आपके नल की टोंटी खोल ले जाएंगे. मुझे तो अब इनकी चिंता हो रही है-यह हार की हताशा नहीं, उससे कहीं ज़्यादा गंभीर समस्या दिख रही है.
क्या लगता है आपको अब इसके बाद क्या बोलेंगे-आपके बच्चे के टिफ़िन का एक सैंडविच खा लेंगे, मटर पनीर की सब्ज़ी में से पनीर निकाल लेंगे,
जब बच्चे खेलने जाएँगे तो उनका बैट चुरा लेंगे, जब कपड़े सूख रहे होंगे तो शर्ट लेकर भाग जाएँगे, घर के बाहर से दूध का पैकेट और अख़बार ग़ायब कर देंगे,
मंदिर के बाहर से चप्पल चुरा लेंगे, गाड़ियों से पाइप लगा कर पेट्रोल चुरा लेंगे आदि. यह उम्र का असर है या दिमाग़ी दिवालियापन?
कुछ समझ नहीं आ रहा है कि यह देश की सरकार चुनने के लिए चुनाव हैं या कोई गली का प्रधान चुनने के लिए.
पीएम मोदी जो बोल रहे हैं, उसको सुनकर नहीं लगता है कि वह खुद 10 साल प्रधानमंत्री रहकर भी खुद को प्रधानमंत्री मानते हैं.?
बौखलाहट में एक आदमी पद की गरिमा इतनी गिरा देगा शायद ही कभी देश ने ऐसा सोचा होगा. ख़ैर जो भी है, नरेंद्र मोदी ने आख़िरकार यह तो मान ही लिया कि INDIA वाले आ रहे हैं.