नई दिल्ली: अपनी दमदार छवि के साथ पत्रकारिता को नई धार देने वाले जाने-माने, लोकप्रिय, चर्चित पत्रकार रवीश कुमार ने भी अब एनडीटीवी से इस्तीफा दे दिया है.
जन मुद्दों को जिस गंभीरता और बेबाकी के साथ रवीश कुमार अपनी पत्रकारिता के जरिए उठाकर सरकार की नीतियों को घेरा करते थे, यह उसी का परिणाम है कि लोगों ने उन्हें सर-आंखों पर बिठा दिया.
NDTV में इस्तीफों का दौर लगातार जारी है. प्रणय रॉय और उनकी पत्नी ने बीते दिन मीडिया हाउस को अलविदा कहा था.
बुधवार देर शाम हिंदी चैनल के पत्रकार रवीश कुमार ने भी इस्तीफा दे दिया है. कुमार चैनल के प्रमुख शो हम लोग, रवीश की रिपोर्ट, देश की बात और प्राइम टाइम सहित कई कार्यक्रमों को होस्ट करते थे.
रवीश कुमार के जाने की घोषणा करते हुए, चैनल ने एक आंतरिक मेल में कहा कि उनका इस्तीफा तत्काल रूप से प्रभावी है, यानी अब रवीश कुमार एनडीटीवी के लिए शो करते हुए नजर नहीं आएंगे.
रवीश कुमार को उनकी पत्रकारिता के लिए दो बार रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म अवार्ड और 2019 में रेमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है.
रवीश कुमार: एनडीटीवी में उथल-पुथल के बीच चैनल के चर्चित पत्रकार का इस्तीफ़ा https://t.co/1AajSOBsVP
— BBC News Hindi (@BBCHindi) November 30, 2022
एनडीटीवी ग्रुप की प्रेसिडेंट सुपर्णा सिंह ने कहा, “कुछ ही पत्रकार ऐसे हैं, जिन्होंने रविश जितना प्रभाव लोगों पर छोड़ा है.
उनके बारे में लोगों की प्रतिक्रियाओं की ढेर में, भीड़ में जो उनके लिए जुट जाती हैं, भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें मिले प्रतिष्ठित पुरस्कारों और पहचान में,
तथा अपनी दैनिक रिपोर्ट में, जो उन लोगों के अधिकारों और जरूरतों को पूरा करता है जो सेवा से वंचित हैं, में यह साफ झलकता है.”
बता दें कि NDTV के मालिक और संस्थापक प्रणय एवं उनकी पत्नी राधिका रॉय ने भी मंगलवार (29 नवंबर 2022) को एनडीटीवी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था.
बीएसई के साथ किए गए एक नियामक फाइलिंग में इसकी जानकारी दी गई. प्रणय रॉय और राधिका रॉय के इस्तीफा देने के तुरंत बाद कंपनी के बोर्ड में तीन नए निदेशक नियुक्त किए गए हैं.
इनमें अडानी समूह के सीईओ सुदीप्त भट्टाचार्य, संजय पुगलिया और सेंथिल सिन्नैया चेंगलवारायण शामिल हैं.
साल 1988 में डाली थी NDTV की नींव:
प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने साल 1988 में एनडीटीवी की स्थापना किया था. शुरुआत में प्रणव रॉय दूरदर्शन पर ‘द वर्ल्ड दिस वीक’ नाम का कार्यक्रम लेकर आते थे, जो उन दिनों खूब पॉपुलर हुआ.
साल 1998 आते-आते उन्होंने स्टार न्यूज के साथ मिलकर भारत के पहले 24 घंटे के न्यूज चैनल की शुरुआत की.
एनडीटीवी, स्टार न्यूज के लिए प्रोडक्शन का काम देखता था. उन दिनों बीबीसी का 80 प्रतिशत कंटेंट भी एनडीटीवी तैयार करता था. बाद में एनडीटीवी और स्टार न्यूज के रास्ते अलग हो गए.