जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी का पूर्व छात्र उमर खालिद जिस पर दिल्ली हिंसा को प्रायोजित करने का आरोप लगा है. उसने तिहाड़ जेल के अधिकारियों पर कई आरोप लगाए हैं.
इस विषय में खालिद ने बताया है कि-“ उसे कई दिनों तक एकांत कारावास में रखा गया है तथा किसी से बात करनी करने की मनाही है.”
Umar Khalid tells a Delhi Court that he was not being allowed to step out of his cell and no one is allowed to talk to him.
"This is like solitary confinement", he tells the Court when he was virtually produced before it pic.twitter.com/KLOQG6ljJR— Mohd Fasiuddin (@MohdFasiuddin10) October 22, 2020
खालिद ने कोर्ट से पूछा कि- मुझे सुरक्षा की आवश्यकता है लेकिन सुरक्षा का मतलब यह तो नहीं होता है कि बंधक बनाकर रख दिया जाए.मै अपने जेल से बाहर ना जा पाऊं यह एक तरह की सजा है और मुझे यह सजा क्यों दी जा रही है?
आपको बताते चलें कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में पिछले वर्ष हुई फरवरी में हिंसक घटनाओं जिन्होंने सांप्रदायिकता का रूप धारण कर लिया था, में खालिद पर आरोप लगा है कि उसने घटना को अंजाम दिया है.
इसी विषय में उमर खालिद की न्यायिक हिरासत का अंतिम दिन था जब उसने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत के सामने पेश किया गया.
‘Not allowed to meet anyone’: Delhi riots accused #UmarKhalid tells court about solitary confinementhttps://t.co/YGdNTXVRM7 pic.twitter.com/bHANBFQs1f
— Hindustan Times (@htTweets) October 22, 2020
खालिद का कहना है कि अभी तक उसके ऊपर दोष सिद्ध नहीं हुआ है फिर भी उसके साथ अपराधियों जैसा बर्ताव किया जा रहा है. इसके कारण वह अवसाद और अन्य बीमारियों का शिकार बन रहा है.
इस शिकायत पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जेल प्रशासन से इसका जवाब मांगा है.