BY- THE FIRE TEAM
बलिया के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा कथित रूप से दुर्व्यवहार किए जाने और जातिवादी टिप्पणी करने के बाद, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक ने अपना इस्तीफा दे दिया।
बलिया के जिला मजिस्ट्रेट भवानी सिंह खंगारौत ने हालांकि आरोप से इनकार किया है। यह कहते हुए कि उसने अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया है।
खबरों के मुताबिक, एआरएम बिंदू प्रसाद ने सोमवार को सौंपे गए अपने त्याग पत्र में कहा कि वह दलित हैं और इस वजह से खंगरौत ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उनके खिलाफ जातिवादी टिप्पणी की।
UPSRTC के प्रबंध निदेशक को सौंपे गए पत्र में आगे आरोप लगाया गया है कि जिला मजिस्ट्रेट ने बलिया जेल के कैदियों को शिफ्ट करने के लिए 15 बसों की मांग की थी।
प्रसाद ने कहा कि सभी बसों के जेल में पहुंचने के बाद, वह अपने कार्यालय लौट गए, लेकिन बाद में जिलाधिकारी उनके कार्यालय पहुंचे, उन्हें अनकी शर्ट के कॉलर से पकड़कर घसीटा और वापस जिला जेल ले गए।
एआरएम ने अपने पत्र में कहा, “जैसा कि मैं एससी वर्ग से हूं, जिला मजिस्ट्रेट ने जातिवादी टिप्पणी की। इस वजह से मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं और मैं अपना इस्तीफा दे रहा हूं।”
यूपीएसआरटीसी के प्रबंध निदेशक राज शेखर ने कहा कि उन्हें प्रसाद का त्याग पत्र मिल गया है और उन्होंने इस मामले पर एक तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है।
उन्होंने कहा, “मैं रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार को इसके बारे में अवगत कराऊंगा।”
इससे पहले भवानी सिंह का नाम तब सामने आया था जब इन्होंने बसपा नेताओं की गाड़ी, घड़ी और मंहगे जूतों को लेकर उनपर टिप्पणी करी थी।
लोगों के भारी आक्रोश और सोशल मीडिया पर किये गए विरोध के चलते डीएम भवानी सिंह ने माफी भी मांगी थी।
लेकिन एक बार फिर अपनी जातिवादी सोच को लेकर भवानी सिंह का नाम सामने आया है और इस बार एक दलित अधिकारी को इन्होंने खुलेआम अपमानित किया है।
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