BY- THE FIRE TEAM
कहते हैं कि डॉक्टर भगवान का रूप होता है लेकिन कुछ डॉक्टर ऐसे भी हैं जिन्होंने डॉक्टरी को सिर्फ कमाई का जरिया बना लिया है और उन्हें मरीज ओर उनके परिजनों की संवेदना से कोई मतलब नहीं।
ताजा मामला लखनऊ का है जहां के एक निजी अस्पताल के द्वारा मरीज को मर्त घोषित कर दिया गया जिसके बाद परिजन शव को लिए गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जब शव को दफ़नानाने के लिए कब्र खोदी जा रही थी तभी शव में हलचल देखी गयी और पता चला कि जिस शख्स को मृत घोषित किया गया है वो जीवित है।
फिलहाल आनन-फानन में शख्स को अस्पताल में फिर भर्ती कराया गया जहां उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है।
बता दें कि, एक दुर्घटना में घायल होने के पश्चात मोहम्मद फुरकान (20 वर्ष) को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसका इलाज चल रहा था।
सोमवार को अस्पताल द्वारा फुरकान को मृत घोषित कर दिया गया जिसके बाद उसके शव को घर लाया गया और दफनाने के लिए कब्र भी खोदी गयी।
फुरकान के बड़े भाई इरफान ने बताया कि छोटे भाई की मृत्यु से घर मे गम का माहौल था, जब वे उसे दफनाने के लिए कब्र खोद रहे थे तब कुछ कुछ लोगों ने उसके शव में हलचल देखी और दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया।
लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेंद्र अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने घटना का संज्ञान लिया है और मामले की वाजिब कार्यवाई करवाई जाएगी।
वर्तमान में जो डॉक्टर फुरकान का इलाज कर रहे हैं उनका कहना है फुरकान ब्रेन डेड नहीं है लेकिन हालात नाजुक जरूर है और उसकी पल्स, ब्लड प्रेशर और रिफलेक्स काम कर रहे हैं।
फुरकान को अभी वेंटीलेटर पर रखा गया है और गंभीरता से इलाज किया जा रहा है।
बता दें कि, जिस निजी अस्पताल से फुरकान को मृत घोषित किया गया था उस अस्पताल ने 7 लाख रुपये का बिल बनाया था जिसे फुरकान के घरवालों ने भरा भी था।
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