लोकसभा चुनाव: चुनाव आयोग ने तेज बहादुर यादव के वाराणसी से सपा के उम्मीदवार के रूप में नामांकन खारिज किया


BY- THE FIRE TEAM


महागठबंधन को एक झटका देते हुए चुनाव आयोग ने आज बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव के नामांकन को खारिज कर दिया, जो समाजवादी पार्टी के टिकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ रहे थे।

तेज बहादुर यादव ने भाजपा पर चुनाव लड़ने से रोकने के लिए “तानाशाही कदम” का सहारा लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “मेरा नामांकन आज खारिज कर दिया गया।”

तेज बहादुर ने अपने नामांकन के खारिज होने पे कहा, “मेरा नामांकन गलत तरीके से खारिज कर दिया गया है। मुझे कल शाम 6.15 बजे सबूत पेश करने के लिए कहा गया था, हमने सबूत पेश किए, फिर भी मेरा नामांकन खारिज कर दिया गया। हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।”

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “जब वे राष्ट्रवाद के नाम पर वोट मांग रहे हैं, तो उन्हें एक सैनिक का सामना करना चाहिए था। जिन लोगों ने उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया क्योंकि उन्होंने भोजन के बारे में शिकायत की थी, उन लोगों को वास्तविक देशभक्त कैसे कहा जा सकता है?”

तेज बहादुर यादव ने अपने फसबूक पे लिखा, “चोर , अपराधी, बदमाश , बलात्कारी , लुटरे आदि चुनाव लड़ सकते है। तो मैं क्यो नही ???… ये लोकतंत्र और संविधान की हत्या हो रही हैं। देश की जनता अब और नही बर्दाश्त करेगी।…जय हिंद जय जवान जय किसान।”

हालांकि, जिला प्रशासन ने कहा कि नामांकन इसलिए रद्द किया गया है क्योंकि तेज बहादुर यादव ने समय पर आवश्यक दस्तावेज नहीं प्रस्तुत किये।

वाराणसी के जिलाधिकारी ने कहा, “जो व्यक्ति पिछले 5 वर्षों के भीतर राज्य या केंद्र सरकार से सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है, उसे चुनाव आयोग से प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा, जिसमें कहा गया है कि उसे भ्रष्टाचार के कारण बर्खास्त नहीं किया गया है। प्रमाणपत्र सुबह 11 बजे से पहले पेश नहीं किया गया इसलिए उनका नामांकन खारिज कर दिया गया है।”

चुनाव आयोग ने उन्हें उनके द्वारा दायर दो नामांकन में विसंगतियों की ओर इशारा करते हुए नोटिस दिया था। पूर्व सीमा सुरक्षा बल जवान तेज बहादुर ने निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल किया था, लेकिन बाद में समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी गठबंधन ने सीट से उम्मीदवार बनाया।

24 अप्रैल को कागजात के पहले सेट में, उन्होंने उल्लेख किया था कि उन्हें सीमा सुरक्षा बल से बर्खास्त कर दिया गया था।

29 अप्रैल को उन्होंने कागजात का दूसरा सेट प्रस्तुत किया लेकिन इस बार लोकसभा सीट के लिए समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में उन्होंने यह जानकारी नहीं दी।

उन्हें बर्खास्तगी का कारण बताते हुए, बीएसएफ से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना भी आवश्यक था।


 

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