BY- THE FIRE TEAM
साइबर विशेषज्ञ सैयद शुजा ने मंगलवार को दावा किया कि ईवीएम हैक की जा सकती है और 2014 के आम लोक सभा चुनाव में ईवीएम हैक की गई थी। वही कांग्रेस ने इस बात को लोकतंत्र के अस्तित्व से जोड़ते हुए जांच की मांग की है।
चुनाव आयोग ने साइबर विशेषज्ञ सैयद शुजा के इस दावे के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा दी है।
आयोग ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस को लिखे एक पत्र के माध्यम से शुजा के खिलाफ दर्ज करायी गयी शिकायत में कहा है कि शुजा ने भादंसं की धारा 505 (1) का कथित तौर पर उल्लंघन किया है। यह धारा जनसामान्य में दहशत पैदा करने वाली अफवाह फैलाने से जुड़ी है।
लंदन में शुजा के संवाददाता सम्मेलन के दौरान कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल की मौजूदगी के लिये कांग्रेस और पूर्व केंद्रीय मंत्री पर जोरदार हमला करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘‘सिब्बल वहां क्या कर रहे थे? वह किस हैसियत से वहां मौजूद थे? मेरा आरोप यह है कि वह कांग्रेस की तरफ से कार्यक्रम पर नजर रखने के लिए वहां थे। यह कांग्रेस द्वारा प्रायोजित साजिश थी जिसका उद्देश्य भारतीय लोकतंत्र और चुनाव आयोग को बदनाम करना था।’’
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के बयान का जवाब देते हुए कपिल सिब्बल ने कहा ‘‘यह स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव का मुद्दा है। मुद्दा यह है कि क्या ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। यह भारत में लोकतंत्र के अस्तित्व से जुड़ा मुद्दा है।’’
साथ ही सिब्बल जी ने कहा कि, , ‘‘जो आरोप उसने (शुजा) लगाए हैं, उनकी जांच होनी चाहिए। उच्चतम न्यायालय और कानून कहता है कि प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए। अगर कोई आरोप लगा रहा है तो यह पता करना जरूरी है कि आरोप सही हैं या नहीं। अगर आरोप गलत हैं तो उसके खिलाफ कार्रवाई करिए। अगर आरोप सही हैं तो यह बहुत गंभीर चीज है।’’
कांग्रेस के अलावा बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, तेदेपा समेत कई अन्य विपक्षी दलों ने भी मामले पर गंभीर चिंता जताई और चुनाव आयोग से इसका संज्ञान लेने को कहा। बसपा और तेदेपा ने मांग की कि आगामी लोकसभा चुनाव ईवीएम की जगह मतपत्रों के जरिये कराए जाएं।
बसपा प्रमुख मायावती ने एक बयान में कहा, ‘‘लंदन में एक साइबर विशेषज्ञ द्वारा यह दावा करना कि 2014 में लोकसभा चुनाव के अलावा उत्तर प्रदेश, गुजरात आदि राज्यों के पिछले विधानसभा चुनावों में ईवीएम के जरिये जबरदस्त धांधली की गई थी, ईवीएम धांधली पर जारी विवाद को और भी ज्यादा गंभीर बनाता है।’’
एक तरफ भाजपा के लोग इसे कांग्रेस का चुनावी स्टंट बता रहे है वही दूसरी तरफ 2019 के आम लोक सभा चुनाव से पहले एक बार फिर ईवीएम का भूत बाहर आ गया है। देखना यह है कि जांच होती है इस दावे की, कि ईवीएम हैक होती है या नही या फिर से चुनाव आयोग इसे ठंडे बस्ते में डाल देगा।