BY-DANISH ALI
बिहार विधान सभा चुनाव के परिणाम से यह सिद्ध होता है कि भीड़ और नेता के साथ चलने वाली जनता वोटर नहीं हैं बल्कि इसका पता ईवीएम से ज्ञात होता है, EVM ही आपकी हार जीत तय करती है.
विकसित देश EVM का प्रयोग नही करते लेकिन भारत कर रहा है. बाकी EVM के साथ-साथ चुनाव आयोग व जिलाधिकारी भी इनके साथ होते है.
इन सबने मिलकर देश के लोकतंत्र का मजाक बनाकर रख दिया है अब एक ही रास्ता है वो है जन आंदोलन. उत्तर प्रदेश मे 2022 मे चुनाव हैं.
इससे पहले ही EVM ना हटने तक आंदोलन होना चाहिए और हाँ, #चाकलेटी बॉय अखिलेश यादव जी व #मायावती_जी से उम्मीद ना करियेगा इनके बस का नही है, EVM के खिलाफ लड़ना.
ये सब फलाँ पूर्व सांसद, विधायक को पार्टी मे शामिल कराकर फोटो खींचा, ट्वीट कर राजनीति कर लें, सड़क पर उतरने की हिम्मत नही है.
वास्तव में भाजपा सभी बहुजनो की पार्टी को समाप्त करने का तगड़ा प्लान करके आगे बढ़ रही है और हमारे नेता बकलोली में व्यस्त हैं. जागो और कानून के दायरे मे रहकर इनसे लड़ो वरना सदियों गुलाम बना दिये जाओगे. हम शुरू से ये बात कहते और करते चले आ रहे हैं.