एक ऐसी शख्सियत जो सांप्रदायिक सद्भावना बढ़ाने के लिए दिन रात काम कर रहा हो, जो सभी धर्मों, जातियों के लोगों के लिए एक साथ रहने और खाने की व्यवस्था शुरू किया हो
तथा घोषित तौर पर गांधीवादी और समाजवादी हो, ऐसे व्यक्ति फैसल खान की गिरफ्तारी के बाद कई सामाजिक संगठनों ने इसका विरोध किया है.
Free Faisal Khan: Take back the malicious and ill motivated FIR! https://t.co/LV5b5GSUti via @countercurrents
— Thakur Prasad (@ThakurPrasad11) November 4, 2020
इस विषय में लोगों का कहना है कि जिस व्यक्ति ने शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए सैकड़ों यात्रा की है, वैसे व्यक्ति को योगी सरकार ने गिरफ्तार करके सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने और प्रताड़ित करने का कार्य किया है.
आपको बताते चलें कि फैसल खान खुदाई खिदमतगार के प्रमुख हैं जो अपने सर्व-धर्म-समभाव की नीतियों तथा विभिन्न धर्मों के मानने वाले लोगों के बीच आपसी भाईचारगी को बढ़ाने के लिए विशेष तौर पर जाने जाते हैं.
मंदिर, मस्जिद, गुरद्वारों में..
तेरी लगन है तेरी पूजा, तू ही तू है और ना कोई दूजा।#FaisalKhan https://t.co/9l8RsBAjUu— Ⓝⓐⓓⓐⓐⓝ✳️ (@nadaan_bachcha) November 4, 2020
यही वजह है कि इनकी गिरफ्तारी को लेकर मध्य प्रदेश की सोशलिस्ट पार्टी इंडिया इकाई ने कड़ी निंदा करते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग किया है.
मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रामस्वरूप तथा महासचिव दिनेश कुशवाहा ने बताया है कि- “फैसल खान ने पूरी जिंदगी सांप्रदायिक सद्भावना के लिए काम किया,
लोगों के बीच शांति और सौहार्द बना रहे इसके लिए उन्होंने ना जाने कितनी यात्राएं की है सिर्फ भारत के अंदर ही नहीं बल्कि भारत से पाकिस्तान के बीच भी.”
फैसल अगर कुरान की आयतें पढ़ते हैं तो उतनी ही आसानी से रामचरितमानस की चौपाई भी पढ़ते हैं. वह मस्जिद में नमाज अदा करते हैं तो मंदिर में प्रसाद ग्रहण करके पुजारी से आशीर्वाद भी लेते हैं.
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यहां तक कि पिछले वर्ष अयोध्या में सरजू आरती में भी उन्होंने हिस्सा लिया था तथा 2018 में जाने-माने संत मुरारी बापू ने उन्हें अपने स्थान महुआ बुलाकर सद्भावना पर्व पर पुरस्कृत किया और अपनी सभा में बोलने का मौका भी दिया.
इसके अतिरिक्त फैसल ने चांद मोहम्मद, आलोक रतन और निलेश गुप्ता को लेकर ब्रज में चौरासी कोस की परिक्रमा को भी पूरा किया.
ध्यान देने वाला पहलू यह है कि फैसल के द्वारा ‘सब का घर’ की स्थापना सांप्रदायिक सद्भावना की बहुत बड़ी मिसाल है जहां विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग एक साथ रहते हैं और होली, दीपावली, ईद, क्रिसमस सभी तरह के त्यौहार एक साथ मिलकर मनाते हैं.
सोशलिस्ट पार्टी ने बयान जारी करके कहा कि समाज फैसल खान को ठीक से समझें और सामाजिक सौहार्द को मजबूत बनाने के लिए उनके द्वारा किए गए प्रयासों को समझे.
उत्तर प्रदेश पुलिस को चाहिए कि अपनी गलती को सुधारते हुए फैसल और उनके साथियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे को वापस ले तथा ससम्मान रिहा करे.