गोरखपुर: देश में वाहनों पर फास्टैग की अनिवार्यता के नियम से नेपाल का संकट बढ़ गया है. नेपाली नंबर की गाड़ियों को दोगुना टोल टैक्स देना पड़ रहा है.
फास्टैग के लिए परिवहन विभाग का रजिस्ट्रेशन जरूरी है, ऐसे में नेपाली गाड़ियों का फास्टैग बनाने का फिलहाल कोई प्रावधान नहीं है.
गोरखपुर के तीनों टोल प्लाजा से रोजाना औसतन 200 गाड़ियां गुजरती हैं. एनएचएआई के जिम्मेदार मुख्यालय को मामले की जानकारी देने की बात कह कर मुश्किल टाल रहे हैं.
नेपाल से फिलहाल वही गाड़ियां आ रही हैं, जिन्हें भारतीय दूतावास से परमिट मिला हुआ है. इसके बाद भी रोज औसतन 200 गाड़ियां भारतीय सीमा में प्रवेश करती हैं.
इनमें पेट्रोलियम पदार्थ लेकर जाने वाली गाड़ियां सर्वाधिक हैं, इसके अलावा एंबुलेंस भी आती हैं. फिलहाल पर्यटकों को लेकर आने और जाने वाली गाड़ियां अपेक्षाकृत काफी कम हैं.
इन सभी गाड़ियों को 15 फरवरी की मध्यरात्रि से फास्टैग की अनिवार्यता के बाद दोगुना टोल देना पड़ रहा है. टैंकर लेकर देवरिया के बैतालपुर डिपो जा रहे नेपाली ड्राइवर लखन थापा बताते हैं कि-
“सोनौली से बैतालपुर डिपो तक जाने के लिए नौतनवा के छपवा के साथ ही गोरखपुर में तीन टोल प्लाजा पर टोल टैक्स अदा करना पड़ रहा है. छपवा, नयन्सर, शेरपुर चमराह और तेनुआ टोल प्लाजा पर दोगुना टोल देना पड़ रहा है.”
नेपाली नंबर की 100 से अधिक गाड़ियां रोज सोनौली-गोरखपुर के नयन्सर टोल प्लाजा से गुजरती हैं. यहां के टोल मैनेजर शारदा का कहना है कि औसतन रोज करीब 50 नेपाली नंबर के टैंकर गुजरते हैं.
इसके अलावा भी नेपाली नंबर की गाड़ियां मरीज वगैरह लेकर आती हैं, सिंगल पर्ची काटना ही नहीं है. ऐसे में इनसे दोगुना टोल वसूला जा रहा है.
नेपाली नंबर की एम्बुलेंस को लेकर अलग-अलग टोल प्लाजा के अलग नियम है. नौतनवा के छपवा टोल पर एम्बुलेंस से टोल नहीं लिया जा रहा है, लेकिन गोरखपुर के टोल संचालक दोगुना शुल्क लेने से परहेज नहीं कर रहे हैं.
हवाई सेवा के लिए आते हैं दर्जनों नेपाली:
ट्रैवल एजेंसी चलाने वाले बासुकी नाथ का कहना है कि नेपाल से बड़ी संख्या में लोग एयरपोर्ट पर आते हैं. ये लोग यहां से देश के बड़े शहरों के लिए फ्लाइट पकड़ते हैं.
इसके अलावा लखनऊ, कानपुर और दिल्ली जाने वालों की संख्या सर्वाधिक हैं. इनमें से बीमार लोग अनुमति लेकर नेपाली नंबर की गाड़ी से आते हैं, इनसे दोगुना टोल लिया जा रहा है.
फास्टैग के लिए भारत के परिवहन विभाग से वाहन का रजिस्ट्रेशन जरूरी है. नेपाल नंबर की गाड़ी गोरखपुर और बस्ती मंडल में ही अधिक है. इनसे दोगुना टोल लिया जा रहा है.
इनकी समस्या को लेकर मुख्यालय से गाइड लाइन मांगी गई है. दिशा-निर्देश आने तक दोगुना टोल लेना मजबूरी है.
सीएम द्विवेदी, परियोजना निदेशक, एनएचएआई