BY-THE FIRE TEAM
आयरलैंड की लेखिका एना बर्न्स को उनके उपन्यास ‘मिल्कमैन’ के लिए मैन बुकर पुरस्कार (Man Booker Prize 2018) मिला है. वह उत्तरी आयरलैंड की पहली लेखिका हैं जिन्हें अंग्रेजी भाषा साहित्य के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया.
Belfast writer Anna Burns has become the first author from Northern Ireland to win the @ManBookerPrize https://t.co/jruZ1SUyUS pic.twitter.com/9O36tsgkAa
— BBC News NI (@BBCNewsNI) October 16, 2018
बेलफास्ट में जन्मीं एना (56) मैन बुकर पुरस्कार के 49 साल के इतिहास में यह पुरस्कार पाने वाली 17वीं महिला हैं. साल 2013 के बाद एना यह पुरस्कार पाने वाली पहली महिला हैं.
‘मिल्कमैन’ (Milkman) उनका तीसरा उपन्यास है. ‘मिल्कमैन’ में उत्तरी आयरलैंड में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच एक युवती और एक शादीशुदा शख्स की प्रेम कहानी बयान की गई है.
आपको बताते चलें कि मंगलवार की रात एक भव्य समारोह में एना बुकर (Anna Burns) पुरस्कार की विजेता घोषित की गईं. साल 2018 का विजेता तय करने के लिए बनी समिति के अध्यक्ष क्वामे एंथनी एपिया ने कहा,
‘‘हम में से किसी ने ऐसी कोई चीज पहले नहीं पढ़ी. एना बर्न्स की बिल्कुल ही अलग आवाज परंपरागत सोच को चुनौती देती है और एक चौंकाने वाले एवं डूब जाने वाले गद्य को आकार देती है.’
क्वामे ने कहा, ‘यह निष्ठुरता, यौन अतिक्रमण और प्रतिरोध की कहानी है जिसे व्यंग्यमिश्रित हास्य से बुना गया है. इसे अपने खिलाफ ही बंटे समाज की पृष्ठभूमि में रचा गया है.’
मैन बुकर पुरस्कार (Man Booker Prize)के विजेता को 52,500 पाउंड (50.85 लाख रुपए) की पुरस्कार राशि दी जाती है. इंग्लैंड के ईस्ट ससेक्स में रहने वालीं एना को दो ब्रिटिश लेखकों, दो अमेरिकी लेखकों और एक कनाडाई लेखक से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा.
एना ने एक अनाम शहर की पृष्ठभूमि में लिखे ‘मिल्कमैन’ (Milkman) में बताने की कोशिश की है कि युद्ध से जूझ रहे शहर में किसी महिला पर कितना खतरनाक और जटिल प्रभाव पड़ता है.
इस किताब की खास बात है कि इसमें पात्रों के नाम की बजाय पदनाम (डेजिग्नेशन) दिए गए हैं. लेखिका ने बताया, ‘‘किताब में नाम नहीं हैं. शुरुआती दिनों में मैंने कुछ समय तक नामों को लेकर कोशिश की, लेकिन किताब में यह ठीक नहीं लगा.ऐसा करने पर कहानी भारी-भरकम और बेजान हो जाती.’’
एना ने डेजी जॉनसन (27) की किताब ‘एवरीथिंग अंडर’, रॉबिन रॉबर्टसन की ‘दि लॉंग टेक’, एसी एडुग्यन की ‘वॉशिंगटन ब्लैक’, रैशेल कुशनर की ‘दि मार्स रूम’ और रिचर्ड पॉवर्स की ‘दि ओवरस्टोरी’ को पीछे छोड़कर ‘मिल्कमैन’ के लिए पुरस्कार जीता. फेबर एंड फेबर ने ‘मिल्कमैन’ प्रकाशित की है.
लगातार चौथे साल ऐसा हुआ है कि किसी स्वतंत्र प्रकाशक ने मैन बुकर पुरस्कार (Man Booker Prize) जीता है. लंदन के गिल्डहॉल में एक रात्रिभोज में क्वामे एंथनी एपिया ने एना बर्न्स की जीत का ऐलान किया.
Congratulations Anna Burns @FaberBooks on winning the #ManBooker2018 with #Milkman! https://t.co/LyedvpNZyS #FinestFiction pic.twitter.com/jrZQlkRQjM
— The Booker Prizes (@TheBookerPrizes) October 16, 2018
डचेज ऑफ कॉर्नवॉल कैमिला ने एना को एक ट्रॉफी जबकि मैन ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ल्यूक हिल्स ने उन्हें 50,000 पाउंड की राशि भेंट की.
एना को अपनी किताब का डिजाइनर बाउंड संस्करण और शॉर्टलिस्ट होने के लिए 2,500 पाउंड की अतिरिक्त धनराशि भी भेंट की जाएगी.
मैन बुकर पुरस्कार …….
मैन बुकर पुरस्कार फ़ॉर फ़िक्शन (अंग्रेज़ी: Man Booker Prize for Fiction) जिसे लघु रूप में मैन बुकर पुरस्कार या बुकर पुरस्कार भी कहा जाता है, राष्ट्रकुल (कॉमनवैल्थ) या आयरलैंड के नागरिक द्वारा लिखे गए मौलिक अंग्रेजी उपन्यास के लिए हर वर्ष दिया जाता है.
वर्ष 2008 का पुरस्कार भारतीय लेखक अरविन्द अडिग को दिया गया था. अडिग को मिलाकर कुल 5 बार यह पुरस्कार भारतीय मूल के लेखकों को मिला है (अन्य लेखक – वी एस नाइपॉल, अरुंधति राय, सलमान रश्दी और किरण देसाई) और कुल 9 पुरस्कार विजेता उपन्यास ऐसे हैं जिनका कथानक भारत या भारतीयों से प्रेरित है.
बुकर पुरस्कार की स्थापना सन् 1969 में इंगलैंड की बुकर मैकोनल कंपनी द्वारा की गई थी. इसमें 60 हज़ार पाउण्ड की राशि विजेता लेखक को दी जाती है.