सामाजिक-राजनीतिक संगठनों का लखनऊ में जुटान


BY-THE FIRE TEAM


मौजूदा हालात को लेकर सूबे के संघर्षशील साथी शनिवार 3 नवम्बर को गांधी भवन लखनऊ में जुटेंगे।

लखनऊ 2 नवम्बर 2018.

देश के मौजूदा हालात को लेकर सूबे के सामाजिक-राजनीतिक संगठनों के नेता शनिवार 3 नवम्बर को लखनऊ में ‘गांधी भवन’ (रेजिडेंसी के सामने) कैसरबाग में जुटेंगे.

रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब की पहल पर आयोजित चिंतन बैठक पर वे कहते हैं कि सूबे में जातिगत-सांप्रदायिक हिंसा चरम पर है, कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है, किसानों का बुरा हाल है, छात्रों व नौजवानों पर नीतिगत हमलों ने रोजगार का संकट विकराल कर दिया है.

नोटबंदी, जीएसटी जैसे मनमाने फैसलों से त्रस्त जनता को अब राम मंदिर और इलाहाबाद से प्रयागराज के नाम पर उलझाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि क्षेत्रवाद के नाम पर गुजरात में यूपी बिहार के लोगों के साथ हिंसा और उनका पलायन, भारत बंद के नाम पर दलितों का उत्पीड़न, महिला हिंसा, आतंकवाद के नाम पर निर्दोष मुसलमानों और सिखों की गिरफ्तारी, धर्मांतरण के नाम पर इसाई मिशनरियों पर हमले, जातिगत-सांप्रदायिक हिंसा में दलितों और मुसलमानों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और यूएपीए के तहत कार्यवाही, माब-लिंचिंग और मुठभेड़ के नाम पर की जा रही हत्याएं जैसे नागरिक सुरक्षा के सवाल बैठक के अहम मुद्दे होंगे.

रिहाई मंच अध्यक्ष ने कहा कि मनुवादी फासीवादी सरकार के गुंडे संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर के समतामूलक विचारों से इतने भयभीत हैं कि कभी उनकी प्रतिमाओं को तोड़ते हैं तो कभी खुलेआम संविधान की प्रतियां जला देते हैं.

अब वे एक बार फिर बाबा साहेब के संवैधानिक और सामाजिक विचारों के खिलाफ उनके महापरिनिर्वाण दिवस को कलंकित करने के लिए 6 दिसंबर से राम मंदिर बनाने की बात कर रहे हैं.

हमारी एकजुटता और संविधान पर हो रहे हमलों के दौर में आज ज़रूरत है कि समाज में बराबरी व भागीदारी का सवाल, महिला-आरक्षण बिल, सांप्रदायिक-हिंसा विरोधी बिल और ‘राइट टू रिकॉल’ पर गंभीरता से बहस की जानी चाहिए जिससे सामाजिक न्याय की अवधारणा को मजबूत किया जा सके.

द्वारा -राजीव यादव (रिहाई मंच)

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