समूचा शासकीय तंत्र अफीम रूपी भ्रष्टाचार के नशे में मशगूल है: शैलेंद्र

  • जीडीए भ्रष्टाचार के कुटीर उद्योग में शासन-प्रशासन का चोली दामन का साथ

गोरखपुर: जीडीए में व्याप्त भ्रष्टाचार अवैध निर्माण व संचालन के विरुद्ध 56 दिनों से चल रहे सत्याग्रह संकल्प को नजरअंदाज कर जिला प्रशासन की बेखबर बदमस्ती

इस बात का इशारा करती है कि जिला प्रशासन भ्रष्टाचार के विरुद्ध चेतना शून्य हो चुका है अन्यथा मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को जनहित के मुद्दे पर विगत 55 दिनों से

अध्यक्ष विकास प्राधिकरण गोरखपुर/मंडलायुक्त के कार्यालय पर क्रमिक धरने के लिए विवश न होना पड़ता. उक्त घटनाक्रम पर शासन की खामोशी व निष्क्रियता बयां कर रही है

कि समूचा शासकीय तंत्र अफीम रूपी भ्रष्टाचार के नशे में मशगूल है, वरना शासकीय निर्देश के अनुक्रम कार्य करने के लिए अधिकृत प्रशासकीय तंत्र बेलगाम व बेकाबू ना होता.

उक्त बातें मंडलायुक्त कार्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन के संस्थापक महासचिव शैलेंद्र कुमार मिश्र ने कहीं.

उन्होंने कहा कि अब यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि लोक हितों की उपेक्षा कर विकास प्राधिकरण के भ्रष्टाचार रूपी कुटीर उद्योग मे शासकीय, प्रशासकीय तंत्र का चोली दामन का साथ है

जिसकी वजह से अप्रिय घटना, प्रदूषित वातावरण का शिकार होने के साथ-साथ व गुप्तता जैसे संवैधानिक अधिकारों से आवासीय क्षेत्रों के नागरिक वंचित हैं जिसके सम्बन्ध में न्याय दिलाने के लिए संगठन क्रमिक धरने के माध्यम से सतत प्रयासरत है.

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित संगठन के संरक्षक डा. पी.एन. भट्ट, संस्थापक महासचिव शैलेन्द्र कुमार मिश्र, अधिवक्ता गिरिजेश शुक्ला, वरिष्ठ कार्यकर्ता जियाउद्दीन अन्सारी, राजकुमार यादव, राजा राम यादव और जय बहादुर इत्यादि भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे.

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