उत्तर प्रदेश के चुनाव माहौल के बीच एक बार फिर गौ तस्करी और धर्म के नाम पर राजनीति तेज होती दिखती जा रही है.
मिली जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद में 11 नवंबर को एसएचओ राजेंद्र त्यागी ने गौ तस्करों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करते हुए मुठभेड़ हो गई,
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जिसके जवाबी कार्यवाही में एसएचओ राजेंद्र त्यागी ने गौ तस्करों को गोली मार दी. इस घटना से प्रभावित होकर हिंदूवादी संगठनों के द्वारा पुलिस स्टेशन में एसएचओ को सम्मानित भी किया गया.
किन्तु पुलिस के इस एक्शन के विरुद्ध सवाल उस समय उठने लगे जब सारे गौ तस्करों को एक ही जगह गोली मारने के साक्ष्य मिले.
हालांकि राजेंद्र त्यागी के इस कारनामे के बाद एसएसपी पवन कुमार ने इन्हें चार्ज से हटाकर ट्रांसफर कर दिया.
स्वयं राजेंद्र त्यागी ने खुद को आहत बताते हुए अपने जनरल डायरी(GD) में लिखा कि इससे उनका मनोबल टूटा है.
हालाँकि मामला तूल राजनीतिक उस समय पकड़ना प्रारंभ कर दिया जब लोनी के भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने गाजियाबाद एसएसपी को पत्र लिखकर उनके द्वारा लिए गए एक्शन का विरोध किया.
इसके साथ ही पत्र में विधायक ने एसएचओ के तबादले को निरस्त करने की भी मांग कर डाला है. संपूर्ण घटना के संदर्भ में जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर
नरसिंह आनंद गिरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्वीट किया है कि- “लोनी बॉर्डर थाना प्रभारी सचिव राजेंद्र त्यागी का तबादला करके
मुसलमान माफिया सलीम पहलवान तथा सभी गौ तस्कर आतंकियों को खुली छूट देने वाले उच्च अधिकारियों पर संज्ञान लें योगी आदित्यनाथ.”
बता दें कि गौ तस्करी की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार पर अनेक आक्षेप लगते रहे हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश के कई जिलों से
घायल और मृत पड़ी गायों की अनेक तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई जिनके विषय में कोई ठोस कार्यवाही करने का उदाहरण नहीं मिला है.