गोरखपुर जनपद के सपा के बेतियाहाता स्थित कार्यालय पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती किसान दिवस के रूप में मनाई गई जिसकी अध्यक्षता पार्टी के जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी ने किया,
जबकि संचालन जिला महासचिव अखिलेश यादव के द्वारा सम्पन्न हुआ. इस अवसर पर नेताओं तथा कार्यकर्ताओं ने चौधरी चरण सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी एवं उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला.
जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी ने कहा कि चौधरी चरण सिंह गांधीवादी विचारक नेता थे. उनकी प्राथमिकता में गांव-गरीब थे. भारत सरकार के वित्तमंत्री के रूप में उन्होंने बजट का 70 प्रतिशत हिस्सा गांव-खेती पर खर्च करने के लिए रखा था.
प्रदेश में उन्होंने जमींदारी उन्मूलन विधेयक लाकर किसानों को भूमिधर बनाने का महान काम किया था. आज देश का किसान आंदोलित है.
भाजपा सरकार की नीतियां गांव, खेती की उपेक्षा कर कारपोरेट की समर्थक हैं. किसान को अपनी खेती से मालिकाना हक छिन जाने का डर है, अब तक उसे झूठे वादों से भ्रमित किया जाता रहा है.
फसल के लागत मूल्य का डेढ़ गुना देने, सन् 2022 तक आय दुगनी करने का वादा करके उसे भुला देना भाजपा का दुहरा चरित्र है.
चौधरी साहब किसानों के साथ धोखाधड़ी को अक्षम्य अपराध मानते थे, समाजवादी पार्टी चौधरी चरण सिंह के रास्ते पर चलती रही है. अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में अखिलेश यादव ने जहां बजट की 75 प्रतिशत
राशि गांव-गरीब और खेती के लिए रखी थी वहीं कर्जमाफी, मुफ्त सिंचाई, फसल बीमा तथा पेंशन की सुविधा भी किसानों को दी थी. फोरलेन सड़कों के साथ मंडियों की स्थापना की थी,
खाद, बीज, कीटनाशक की उपलब्धता आसान की बनाया था, डेयरी और मत्स्य उद्योग को प्रोत्साहित किया. समाजवादी पार्टी की प्राथमिकता में गांव-खेती और किसान रहे हैं.
इस पार्टी के कार्यकर्ता भी ज्यादातर किसान हैं, इसलिए खेती से जुड़े सवालों पर इसकी चिंता स्वाभाविक है. भाजपा सरकार की नीतियां कारपोरेट की पोषक हैं.
तीन कृषि अधिनियम बनाकर भाजपा सरकार ने किसानों के हितों पर गहरी चोट की है. इससे देश का किसान आंदोलित और आक्रोशित है.
समाजवादी पार्टी किसानों के संघर्ष में उनके साथ है, 25 दिसम्बर को समाजवादी किसान घेरा का आयोजन होगा, गांव के स्तर पर किसानों के बीच अलाव जलाकर समाजवादी नेता भाजपा की किसान विरोधी नीतियों का पर्दाफाश करेंगे.
भाजपा सरकार ने किसानों के साथ किया गया अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया, न तो किसानों को लाभकारी समर्थन मूल्य मिला, न हीं उत्पादन लागत का ड्योढ़ा दाम मिला.
मंहगाई और कर्ज से त्रस्त किसान आत्महत्या कर रहे हैं, किसानों की आय दुगनी करने की दिशा में तो दूर-दूर तक कोई उम्मीद नहीं है. गन्ना किसानों का अभी तक बकाया अदा नहीं हुआ.
किसानों की खेती कारपोरेट के हाथों गिरवी रखने तथा खेती पर से किसानों का स्वामित्व छीनने के लिए भाजपा सरकार तीन नए कानून ले आई है.
इस कानून से किसान का हक और सम्मान दोनों छिन जाएंगे. सपा किसानों के हितों के लिए अपना संघर्ष जारी रखेगी, किसानों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होगी तब तक देश की प्रगति संभव नहीं है.
इस दौरान प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी, जियाउल इस्लाम, अखिलेश यादव, डॉ मोहसिन खान, अवधेश यादव, मिर्जा कदीर बेग, सुनील सिंह, कालीशंकर आदि मौजूद रहे.
(ब्यूरो चीफ गोरखपुर, डॉक्टर सईद आलम खान)