आसियान भारत नेटवर्क थिंक टैंक के छठे गोल में सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वर्तमान समय में दुनिया के समक्ष आई कोरोनावायरस अनकट संकट ने लोगों को कई तरह के पाठ पढ़ाए हैं.
यह बात पूरे दावे के साथ कही जा सकती है कि महामारी के समाप्त हो जाने के पश्चात जिस कदर अर्थव्यवस्था और सामाजिक जीवन पर अपना प्रभाव डाला है वह इसकी समाप्ति के पश्चात बहुत ही बदले रूप में सामने आएगा.
पूरी दुनिया में लॉकडाउन घोषित होने के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था सिमट गई है और महामंदी का दौर आ चुका है. यह बिल्कुल स्थिति 1930 के दशक में आने वाली आर्थिक मंदी जैसा है जिसने दुनिया के समक्ष अभूतपूर्व संकट पैदा किया था.
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए विदेश मंत्री ने बताया कि- ” इस महामारी का मुकाबला करने में अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं और मंच प्रभावी तौर पर कार्यवाही नहीं कर सकी हैं. ऐसे में आपसी सामंजस्य और समन्वय के साथ देशों को आगे बढ़ना चाहिए.”
India, ASEAN together to help shape Asia, global economy, says S Jaishankar https://t.co/F2FJBYwoY3 #business #economy
— economynews2020 (@economynews2020) August 20, 2020
अगर देखा जाए तो अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सबसे अधिक मूल्यवान वस्तु भरोसा है. प्रौद्योगिकी सुरक्षा के बारे में चिंता और सवाल उत्पन्न हो रहे हैं वह द्विपक्षीय संबंध स्थापित करने वाले देशों के लिए सोचने का विषय जरूर है.
आज ही हम स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियों पर पूरी तरीके से नकेल नहीं लगा सके हैं. ऐसे में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत कुछ किया जाना शेष है. यह तभी संभव हो पाएगा जब दुनिया के सारे देश इस सच्चाई को समझेंगे और बिना किसी स्वार्थ के एक दूसरे का सहयोग करेंगे.