BY-THE FIRE TEAM
वर्तमान में प्रौद्योगिकी के तेजी से होते विस्तार के कारण पूरी दुनिया में किसी भी खबर को फैलाना, चाहें वे समाज के अनुकूल हों या प्रतिकूल बहुत आसान हो गया है. इन कार्यों को पूर्ण करने में सबसे बड़ी भूमिका सोशल साइटों ने निभाया है.
यही वजह है कि यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और स्वयंसेवी समूहों द्वारा हेट स्पीच जैसी कई तरह की चीजों पर लगाम लगाने के लिए चलाई जा रही गतिविधियों को तथा सेल्फ पुलिसिंग के नए रूप और कार्य का समर्थन किया है.
Hate speech is on the rise, threatening peace, social stability and democratic values.
That’s why I’ve launched a plan to identify, prevent, and confront hate speech, while upholding freedom of speech and expression. https://t.co/3fZnfsuRPp pic.twitter.com/IZyGgWChSl
— António Guterres (@antonioguterres) June 18, 2019
आपको बता दें कि डिजिटल मीडिया के माध्यम से जिस रफ़्तार में नफरत और हिंसा परोसी जाती है, वह समाज और मानवता दोनों के लिए खतरनाक है.
उन्होंने कहा कि इस घृणा का सबसे अधिक प्रभाव महिलाओं, कमजोर लोगों, अल्पसंख्यकों को झेलना पड़ता है. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए गुटेरेस ने बताया कि-
“उदार लोकतंत्र और तानाशाही दोनों में कुछ राजनितिक दल ऐसे विचारों का पोषण करते है जिससे ऐसी आग समाज के हर व्यक्ति को झेलनी पड़ती है.”
निश्चित तौर पर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ढृण प्रयास करने की जरूरत है क्योंकि इनको प्रश्रय देने से सामाजिक ताना-बाना कमजोर होगा.
गुटेरेस ने कहा, ‘अभद्र भाषा से निपटने का मतलब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित या प्रतिबंधित करना नहीं है. इसका मतलब है कि नफरत फैलाने वाले भाषण को और अधिक खतरनाक, विशेष रूप से भेदभाव, शत्रुता और हिंसा के लिए उकसाने से रोकना है जो अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत निषिद्ध हैं.’