BY-THE FIRE TEAM
मिली जानकारी के मुताबिक लोगों द्वारा कोरोना वायरस से बचने के लिए अपनाये जाने वाले उपायों जैसे-सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सेनेटाइजर के इस्तेमाल करने के बावजूद खतरे की घंटी की गंभीरता बढ़ती जा रही है.
आपको यहाँ बता दें कि इस वैश्विक महामारी ने दुनिया में 38 लाख से भी अधिक व्यक्तियों को अपनी चपेट में ले लिया है तथा अपने संक्रमण से दो लाख पैंतीस हजार लोगों को मौत की नींद सुला दिया है.
यदि इस वायरस से प्रभावित देशों की सूची बनाएं तो इसमें सबसे ऊपर अमेरिका का नाम आ रहा है क्योंकि यहाँ अब तक चौहत्तर हजार से भी ज्यादे लोगों की मृत्यु हो चुकी है.
यद्यपि यह एक विकसित देश है तथा हर तरह के तकनीकी क्षमता से भी युक्त है किन्तु फिर भी इस वायरस के आगे अपने को विवश पा रहा है. इस महामारी की भयावहता को देखते हुए राष्ट्रपति ट्रम्प ने पर्ल हारबर और 9 /11 की आतंकी घटना से भी अधिक खतरनाक बताया है.
"This is really the worst attack we have ever had. This is worse than Pearl Harbour. This is worse than the World Trade Center," says @realDonaldTrumphttps://t.co/vvNVv7Ibkp
— News18.com (@news18dotcom) May 7, 2020
दुनिया में जारी लॉकडाउन के कारण औद्योगिक कारखाने बंद पड़े हैं, उत्पादन निम्नतम स्तर पर पहुँच चूका है, कई जगह से मजदूरों और कामगारों का पलायन जारी है,
भुखमरी और इलाज के आभाव में भी अनेक व्यक्तियों ने अपनी जाने गवाईं हैं, अनेक देशों में मंदी व्याप्त है जबकि करोड़ों लोग आज बेरोजगारी का शिकार हो चुके हैं.
अतः दुनिया में स्थिरता तब तक नहीं आ सकती है जब तक इस वायरस की कोई सटिक वैक्सीन न खोज ली जाये तब तक एहतियात और बचाव ही इसका इलाज है, इस कड़वी सच्चाई को हमें समझना और अपनाना पड़ेगा तभी मौत के आँकड़े में कमी लायी जा सकती है.