आईएमएफ ने भी भारत की आर्थिक वृद्धि दर में आई कमी को स्वीकारा


BY-THE FIRE TEAM


वर्तमान केंद्र सरकार विकास के जितने भी दम्भ भर ले किन्तु आर्थिक आँकड़ों को अगर खंगाला जाये तो ज्ञात होता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में निरंतर गिरावट आ रही है.

इस विषय में अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)  ने बताया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि काफी कमजोर है. कॉर्पोरेट और पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता तथा कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों

की कमजोरियों के कारण उम्मीद से वृद्धि काफी कम दिखी है. इस तथ्य की पुष्टि आईएमएफ के प्रवक्ता गेरी राइस के इस कथन से हो जाती है जिसे उन्होंने न्यूयार्क के संवाददाता सम्मेलन में बताया कि-

 

हम नए आँकड़े पेश करेंगे लेकिन खासकर पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता और कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों की कमजोरियों के कारण जो गिरावट आई है उसको विश्लेषण करने के बाद.

हम जानते हैं कि किसी देश का आर्थिक मूल्याँकन का मजबूत आधार उसकी जीडीपी होती है क्योंकि इसी से प्रति व्यक्ति आय का निर्धारण होता है, किन्तु भारतीय परिप्रेक्ष्य में यह गिर रही है.

आपको बताते चलें कि भारतीय अर्थव्यवस्था जो वर्ष 2014 में 8 प्रतिशत के स्तर पर थी वह 2019 में 5 प्रतिशत पर पहुँच गई. इसके कारण देश में मंदी जैसी स्थिति बन चुकी है,

बहुत सारी औद्योगिक फैक्टरियाँ बंद हो चुकी हैं कई ने तो अपने कर्मचारियों को सेवा से बाहर कर दिया है. यह भयावह स्थिति अनेक तरह की अप्रत्यक्ष संकट को दर्शा रही है.

 

 

 

 

 

 

 

 

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