आज पूरा विश्व ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के अवसर पर स्वस्थ और खुश रहने के लिए योगा में डूबा

आधुनिक सन्दर्भ में बढ़ती व्यस्त जीवन शैली को देखते हुए तथा अपनी नौकरी और वयवसाय को लेकर लोगों में जिस तरह से मानसिक तनाव और संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हुई है,

उसके निदान के लिए योगा बड़ी निर्णायक भूमिका निभा सकता है. इसी कारक को ध्यान में रखकर इस वर्ष सम्पूर्ण विश्व में ‘घर पर योग और परिवार के साथ योग’ की थीम के साथ

लोगों द्वारा छठवां ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ मनाया जा रहा है. यद्यपि योगा में रूचि रखने वाले लोगों को इस साल थोड़ी निराशा देखने को मिल रही है,

इसके पीछे मुख्य वजह कोरोना महामारी से फैलने वाला संक्रमण है. किन्तु इस चुनौती के बावजूद स्वयं को स्वस्थ और खुश रखने के लिए सार्वजनिक रूप से नहीं बल्कि अपने-अपने घरों में परिवार के सदस्यों के साथ लोग योग कर रहे हैं.

तथा लोगों ने डिजिटल मीडिया के माध्यम से विभिन्न आसनों के रूप में योग करते हुए अपनी-अपनी तस्वीरें साझा किया है. इस विषय में आयुष मंत्रालय ने एक कार्टून जारी किया है-

हमारे देश के प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में योगा का संदेश देते हुए कहा है कि- यह एकता और एकजुटता का प्रतीक है तथा विश्व बन्धुत्व को मजबूत करेगा.

कब हुई शुरुआत?

शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक तौर पर व्यक्ति को जोड़ने वाले योग की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र के जनरल असेम्ब्ली में पीएम नरेंद्र मोदी के अभिभाषणों तथा यूएन के प्रयासों से 2014 में स्वीकृति मिली.

तत्पश्चात इसे सम्पूर्ण विश्व में 21 जून, 2015 से मनाया जा रहा है, आज 190 से अधिक देशों ने योग को स्वीकारा है और निरन्तर इसके प्रोत्साहन के लिए प्रयास कर रहे हैं.

अंतर-राष्ट्रीय स्तर पर भारत की यह बहुत बड़ी उपलब्धि है जिसने अपनी इस प्राचीन पद्धति से संसार को लाभान्वित कर रहा है तथा लोगों में इसको लेकर उत्साह बना हुआ.

 

 

 

 

 

 

 

 

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