BY-THE FIRE TEAM
प्रधानमंत्री के रूप में मोदी की मालदीव की यह पहली यात्रा होगी जिसके अंतर्गत वे मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद सोलिह के शनिवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेंगे.
मोदी ने कई ट्वीट कर कहा, ‘‘मैं श्री सोलिह की नई मालदीव सरकार को उनकी विकास प्राथमिकताओं विशेषकर आधारभूत क्षेत्र, स्वास्थ्य देखभाल, सम्पर्क एवं मानव संसाधन विकास को साकार करने के लिए मिलकर काम करने की भारत सरकार की मंशा से अवगत कराऊंगा.”
I will be in Malé tomorrow to attend the historic Inauguration Ceremony of the President-elect H.E. Ibrahim Mohamed Solih. I warmly congratulate him on his victory in the recent elections and wish him the very best for his tenure.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 16, 2018
अपनी बात को आगे बढ़ते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मालदीव में हुए हालिया चुनाव लोकतंत्र, कानून का शासन एवं समृद्ध भविष्य के लिए लोगों की सामूहिक आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं.
एक सच्चा और सहयोगी पड़ोसी देश होने के नाते – ‘‘हम भारत (के लोगों की) की यह प्रबल मंशा है कि हम एक स्थिर, लोकतांत्रिक, समृद्ध और शांतिपूर्ण मालदीव गणतंत्र देखना चाहते हैं.”
I will convey to the new Maldivian Government of Mr. Solih the desire of the Indian Government to work closely for realisation of their developmental priorities, especially in areas of infrastructure, health care, connectivity & human resource development. https://t.co/fTmMnNbEyX
— Narendra Modi (@narendramodi) November 16, 2018
मोदी ने हाल के चुनाव में सोलिह को उनकी जीत के लिए बधाई दी और साथ ही उनका कार्यकाल सर्वोत्तम रहने की कामना भी की.
भारत-मालदीव समबन्ध :
एशिया का सबसे छोटा देश है मालदीव. इसका क्षेत्रफल भारतीय राज्य उत्तराखंड की राजधानी देहरादून जितना है. भारत और मालदीव के बीच ऐतिहासिक दोस्ताना सम्बन्ध रहे हैं जो भारतीय चोल राजाओं के शासकों केसमय से चल रहा है .
यहां की कुल जनसंख्या आज भी 5 लाख से कम है जिनमें से 30 हजार भारतीय हैं. आपको बता दें कि मालदीव आसियान का सदस्य देश है तथा इसके अलावे इस संगठन में नौ और देश शामिल हैं.
आसियान दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का समूह है, जो आपस में आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने के लिए भी कार्य करते हैं.
इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है. आसियान की स्थापना ८ अगस्त, १९६७ को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में की गई थी.
इसके संस्थापक सदस्य थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और सिंगापुर थे. ब्रूनेई इस संगठन में १९८४ में शामिल हुआ और १९९५ में वियतनाम. इनके बाद १९९७ में लाओस और बर्मा इसके सदस्य बने.