प्राप्त जानकारी के अनुसार नेपाल और भारत के बीच सीमा को लेकर जो तनातनी का माहौल बना हुआ था उसको देखते हुए नेपाल के कई नेताओं की गतिविधियों को भारतीय न्यूज चैनलों ने दिखाया था.
भारतीय मिडिया के इन कार्यों को गंभीरता से लेते हुए नेपाल ने इसे अपनी गरिमा और सम्प्रभुता के विरुद्ध बताया है, यही वजह है कि मल्टी सिस्टम ऑपरेटर्स(MSOs) ने निर्णय लेते हुए भारत के सभी
निजी न्यूज चैनल्स पर खबरों के प्रसारण करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया है हालाँकि नेपाल ने भारत के राष्ट्रिय चैनल दूरदर्शन को छूट दे रखा है.
इस विषय में नेपाल के सूचना एवं प्रसारण मंत्री युबराज खातीबाड़ा ने बताया है कि नेपाल से जुडी खबरों को लेकर भारत के निजी न्यूज चैनल्स के विरुद्ध राजनीतिक और क़ानूनी उपायों की तलाश कर रहा है,
क्योंकि लगातार नेपाली नेताओं के बारे में जिस तरह की खबरें चल रही थीं वह नेपाल की सम्प्रभुता और गरिमा के विपरीत है. साथ ही ऐसी खबरों के कारण नेपाली नेताओं की छवि धूमिल हो रही थी.
#Nepal
All Indian news channels except Doordharshan banned in Nepal effective this evening.
Nepal's information and broadcasting Minister Yuba Raj Khativada announced.
Decision after certain channels indulged in character assassination of leaders. pic.twitter.com/uky5Y1eT36— RAVI PATEL (@ravipatel5004) July 9, 2020
आपको यहाँ बता दें कि नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा औली और चीन के राजदूत होउ यांकी के बीच हुई वार्ता के बाद नेपाली नेताओं के चरित्र को निशाना बनाने का काम भारतीय मीडिया कर रहा था, इसको देखते हुए इस तरह के रोक का निर्देश जारी किया गया है.
भारत-नेपाल बॉर्डर पर जब से भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लिपुलेख से लेकर धाडचुल्ला तक भारत द्वारा बनाई गई सड़क का उद्घाटन किया है तभी से इन दोनों पड़ोसी देशों के मध्य सीमा विवाद का मसला खड़ा हो गया है.