BY-THE FIRE TEAM
विश्व में जहाँ अनेक देश आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण प्रदुषण, भीषण बाढ़ आदि चुनौतियों से ग्रसित हैं इन सबसे इतर जिम्बॉब्वे में एक नई तरह की समस्या सामने आई है.
मिली सूचना के अनुसार यह देश वर्तमान में सूखे की समस्या से जूझ रहा है. इसके कारण कृषि संकट उत्पन्न हो गई है जिसके परिणामस्वरूप यहाँ की लगभग 50 लाख आबादी भुखमरी की मार झेल रही है.
चुँकि सूखा पड़ने की वजह से बहुत सी फसलें ख़राब हो गईं हैं, ऐसे में खाद्यान्न पदार्थों के दामों में भी बेतहाशा बढ़ोत्तरी हो गई है. वहीं आर्थिक संकट के कारण भी जिम्बॉब्वे की अर्थवयवस्था पर नकारात्मक असर हुआ है.
साथ ही नई मुद्रा जिम्बॉब्वे डॉलर को भी प्रारम्भ किया गया है जिससे यह सोचनीय स्थिति पनपी है. इस संबंध में बीजले ने एक चौंकाने वाली रिपोर्ट प्रस्तुत किया है.
Zimbabwe's going through its "worst-ever hunger crisis" warns @WFP. The @UN is boosting its appeal to help feed millions in need.https://t.co/Ir96v5KYyY
— UN News (@UN_News_Centre) August 7, 2019
यद्यपि जिम्बॉब्वे को समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है तथा 29. 4 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता जारी कर चुका है.
https://twitter.com/AvoFreshMexico/status/1159140917502238722
यहाँ के राष्ट्रपति एमरसन मंगाग्वा ने देश में सूखे की समस्या से लड़ने के लिए राष्ट्रीय आपात घोषित कर रखा है. वहां की सरकार इस चुनौती से निपटने हेतु अनाज एवं अन्य सुविधाएँ मुहैया करा रही है,
फिर भी इस मदद के बावजूद और बहुत कुछ करना शेष है, तभी सच्चे मायने में मानवता को बचाया जा सकेगा.