सऊदी अरब के प्रिंस सलमान ने देश हित में रूढ़िवादी सोच की जगह उदार विचारों का किया पर्दार्पण


BY-THE FIRE TEAM


मिली जानकारी के अनुसार सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने दुनिया में ‘कट्टर रूढ़िवादी विचार वाला देश’ सऊदी अरब की पहचान को अब तोड़ने पर आमादा हैं.

इसी के अंतर्गत वे अपने देश में एक साथ कई तरह के बदलावों के लिए प्रयारत हैं तथा सहिष्णुतापुर्ण कदम उठाते जा रहे हैं. यही वजह है कि इन्होंने नारीवाद, समलैंगिकता और नास्तिकता को

अतिवादी विचार घोषित करने के साथ ही वे समाज में व्याप्त सामाजिक बंधनों में ढील देने के लिए अग्रसर हैं और इसके लिए खुली नीति लागु करना चाहते हैं.

इसी का परिणाम है कि रियाद जो की सऊदी की राजधानी है वहां गार्जियनशिप सिस्टम को समाप्त कर दिया है क्योंकि इस कानून के कारण प्रत्येक महिला को आजीवन महत्वपूर्ण फैसलों के लिए अपने पुरुष साथी की सहमति पर निर्भर रहना पड़ता था.

हालाँकि ऐसे बदलाव से सऊदी के कुछ बुद्धिजीवियों और धर्मगुरुओं ने विरोध भी किया जिसके कारण उनको हिरासत में ले लिया गया था.

दरअसल, प्रिंस सलमान का यह मानना है कि सऊदी अरब की अर्थवयवस्था जो मूलतः तेल पर आश्रित है उसको कम करके दुनिया के अन्य देशों से यहाँ निवेश को बढ़ावा दिया जाये.

इस विषय में यहाँ की सरकारी स्टेट सिक्योरिटी एजेंसी ने बताया है कि देश में किसी भी तरह के अतिवाद को अब अपराध घोषित किया गया है. जो भी इन बदलावों का विरोध करेगा उन्हें

अतिवादी के रूप में चिन्हित करके जेल भेजा जायेगा. आपको बताते चलें कि निरंकुश राजशाही में समलैंगिकता और नास्तिकता का दोषी पाए जाने पर उनको मौत की सजा दीये जाने का प्रावधान था.

 

 

 

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