BY-THE FIRE TEAM
अंतर-राष्ट्रीय स्तर पर भारत की पहचान और मजबूत हुई है क्योंकि भारतीय मूल के सुन्दर पिचाई को विश्व विख्यात गूगल की पैरेंटल कम्पनी ‘अल्फाबेट’ का सीईओ नियुक्त किया गया है.
इस सम्बन्ध में मिली जानकारी के अनुसार गूगल के सहसंथापक रहे लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने अब कम्पनी के सार्वजनिक पद से हटने का फैसला ले लिया है.
इस निर्णय की बड़ी वजह यह माना जा रहा है कि वे दोनों अपने परिवार के सदस्यों को ज्यादे से ज्यादे वक्त देना चाहते हैं. उन्होंने कहा भी है कि- “कम्पनी के दिन प्रतिदिन के प्रबंधन में लगभग 21 वर्षों तक जुड़ा रहना बड़ा विशेषाधिकार था.
हम मानते हैं कि वर्तमान समय माता पिता की भूमिका निभाने का है जो सलाह और प्यार की पेशकश करे न कि दैनिक उत्थान की.” ऐसे में इस कम्पनी को बेहतर नेतृत्व देने तथा आगे बढ़ाने के लिए सुन्दर पिचाई को यह जिम्मेदारी सौंप दी गई है.
आपको बताते चलें कि पिचाई ने 1993 में आईआईटी खड़गपुर से बीटेक किया था और इसी दौरान स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप प्राप्त करने के पश्चात इंजीनिरिंग में मास्टर डिग्री करके एमबीए करने चले गए.
कुछ समय बाद वे सॉफ्टवेयर कम्पनी मैकेंजी में अपने कैरियर की शुरुआत किया और थोड़े समय के पश्चात ही 2004 में गूगल को ज्वाइन कर लिया, तभी से वे यहीं कार्यरत हैं.
विशेष तथ्य:
गूगल कंपनी की शुरुआत 1997 में एक गैरेज से हुई थी हालांकि इंटरनेट के आने के साथ ही इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का जमाना आया जिसमें गूगल ने कई पड़ावों को पार करते हुए ऊंचाई को छुआ है.
2015 में गूगल ने अपने काम में बदलाव लाते हुए सर्च की दुनिया से हटकर आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में कदम रखा किन्तु अल्फाबेट ही पैरेंटल कंपनी बनी रही.