UN सुरक्षा परिषद में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने मसूद अजहर पर प्रतिबंध के लिए दिया प्रस्‍ताव


BY-THE FIRE TEAM


नई दिल्‍ली : मिली सूचना के मुताबिक पुलवामा आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद के चीफ आतंकी मौलाना मसूद अजहर को बैन करने के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र की सुरक्षा परिषद में प्रस्‍ताव लाया गया है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक बुधवार को अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने और उसे प्रतिबंधित सूची में डालने को लेकर सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति में प्रस्‍ताव दिया.

फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन ने बुधवार को प्रस्‍ताव पेश करते हुए संयुक्‍त राष्‍ट्र की सुरक्षा परिषद से कहा कि जैश-ए-मोहम्‍मद के चीफ आतंकी मौलाना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाया जाए.

उसकी वैश्विक यात्राओं पर प्रतिबंध लगाया जाए साथ ही उसकी सभी संपत्ति फ्रीज की जाए. तीन देशों की ओर से पेश इस नए प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति को 10 कामकाजी दिन में विचार करना होगा.

बता दें कि 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले की जिम्‍मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद ने ली है. मौलाना मसूद अजहर इस संगठन का मुखिया है.

भारत, आतंकी मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में वर्ष 2009, 2016 और 2017 में ही प्रस्ताव पेश कर चुका है। वर्ष 2016 में भारत के प्रस्ताव का अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने समर्थन किया था,

जबकि चीन ने भारत के प्रस्ताव का हर बार विरोध किया था।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

बता दें कि फ्रांस संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंधित किए गए आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर काम कर रहा है और कहा जा रहा था कि-

वह शक्तिशाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मार्च में अध्यक्षता मिलने के बाद के बाद इस प्रस्ताव को प्रतिबंध समिति के समक्ष रख सकता है.

15 राष्ट्रों वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता हर माह एक देश से दूसरे देश के हाथ में जाती है और एक मार्च को इसकी अध्यक्षता इक्वेटोरियल गुयाना से फ्रांस के पास चली जाएगी.

वीटो प्राप्त शक्तियों के साथ परिषद का स्थायी सदस्य फ्रांस इस प्रस्ताव (अजहर को प्रतिबंधित करने के) पर काम कर रहा है और यह बहुत जल्द तैयार कर लिया जाएगा.

सूत्रों ने कहा, ‘फ्रांस जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों को प्रतिबंधित किए जाने के आग्रहों को जल्द से जल्द 1267 प्रतिबंध समिति के समक्ष रखने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है.’

पाकिस्तान से संचालित जैश-ए-मोहम्मद ने 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली थी.

इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे, जिसके बाद देश में आक्रोश था.

 

 

 

 

 

 

इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक कामयाबी कहा जा रहा है. हालांकि अभी चीन ने इस प्रस्‍ताव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इस प्रस्‍ताव में पुलवामा आतंकह हमले का भी जिक्र किया गया है.

 

 

 

 

 

 

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