यूनेस्को ने गुलाबी शहर जयपुर को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया


BY-THE FIRE TEAM


भारत के लिए यह हर्ष का विषय है कि यूनेस्को ने राजस्थान राज्य में स्थित जयपुर जिसकी स्थापना राजपूत शासक सवाई राजा जयसिंह द्वितीय ने किया था, को विश्व धरोहर स्थल घोषित कर दिया है.

दुनिया में इसे गुलाबी शहर के नाम से भी जानते हैं.

आपको बता दें कि इस शहर की छवि अंतराष्ट्रीय स्तर पर जीवन, संस्कृति, वास्तुकला की अद्भुत पहचान के रूप में स्थापित है. इसी लिए यह पर्यटकों के बीच कौतुहल का विषय बना रहता है तथा वे सदैव इसकी छटा को देखने के लिए भारत का रुख करते हैं.

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जयपुर राजपूतों के अपने शौर्य, त्याग और बलिदानों के लिए जाना जाता है तथा स्थापत्य निर्माण का बेहतर नमूना यहाँ के बनने वाले स्मारकों, किलों और महलों में देखा जाता है, वह राजपूतों की स्थापत्य रूचि को भी उद्घाटित करता है.

जानकारी के मुताबिक अजरबेजान के बाकू शहर में विश्व धरोहर कमिटी की 43वें सत्र के बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें कमिटी ने इस शहर को इस दर्जे से नवाजा.

इसके बाद प्रधानमंत्री ने ख़ुशी जाहिर करते हुए ट्वीट किया कि-

गुलाबी शहर से जुड़े कुछ तथ्य :

छवि पिंक सिटी कहे जाने वाले इस शहर का निर्माण सत्रहवीं सदी में मुग़ल सत्ता जब कमजोर होने लगी तो सवाई राजा जयसिंह द्वितीय जिनकी स्थापत्य, विज्ञान, ज्योतिष में गहरी रूचि थी, ने कराया.

इन्होंने इसको संरचनात्मक ढाँचा देना प्रारम्भ किया. यहाँ आमेर का किला, जंतर-मंतर, हवा महल, नाहरगढ़ का किला, जल महल, सिटी पैलेस, अल्बर्ट हॉल म्यूजियम आदि प्रसिद्ध भवन हैं.

जो पर्यटकों का ध्यान बरबस ही अपनी ओर खींच लेते हैं. तीन तरफ से अरावली पर्वत माला से घिरे होने के कारण यह शहर को और आकर्षक बना देता है.

ऐसा बताया जाता है कि इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस ऑफ वेल्स अल्बर्ट के स्वागत में तत्कालीन महाराज सवाई रामसिंह ने 1876 में उनके सम्मान में पुरे शहर को गुलाबी रंग से रंगवा दिया था, जिसकी वजह से इसे गुलाबी शहर कहते हैं.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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