BY–THE FIRE TEAM
अमरीका: अबतक 77 की मौत, 1,011 लोग लापता हैं।
सैन फ्रांसिस्को: अमरीका के कैलिफोर्निया के जंगलों में लगी भीषण आग से अबतक 77 लोगों की जान जा चुकी है। रविवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया कि अबतक 1,011 लोग लापता हैं। रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि इस भयानक आग में की चपेट में आने से अबतक करीब 10,500 घर खाक हो चुके हैं।
इतिहास की सबसे भीषण आग:
मीडिया रिपोर्ट में बट काउंटी के शेरिफ और कोरोनर कोरी होनिया ने इस बारे में जानकारी दी। बता दें कि इस आग को कैलिफोर्निया के इतिहास की सबसे भीषण आग कहा जा रहा है, जो बीते आठ नवंबर को ग्रामीण इलाके पैराडाइज से फैलना शुरु हुई थी।
कैंप फायर से 146,000 एकड़ जमीन जलकर खाक:
अधिकारियों ने ये भी संभावना जता रहे हैं कि लापता हुए हजारों लोगों में से कई सुरक्षित भी हो सकते हैं। ऐसा हो सकता है कि उन्हें इस बारे में जानकारी न हो कि उनका नाम लापता सूची में है। कैंप फायर से 146,000 एकड़ जमीन जलकर खाक हो गई। वहीं दक्षिणी कैलिफोर्निया के वुज्ले आग से लॉस एंजेलिस और वेंतुरा काउंटी के 548 इमारतें तबाह हो चुकी हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन पर मंडरा रहा है बारिश का खतरा:
गौरतलब है कि पिछले 10 दिनों से लगी इस आग को बुझाने के लिए करीब 3,300 दमकलकर्मी जुटे हुए हैं। इसके साथ ही सैकड़ों की तादाद में कार्यकर्ता मलबे और राख में मानव अवशेष ढूंढ रहे हैं। मौसम विभाग ने हफ्ते के अंत तक बारिश की संभावना जताई है जिससे बचाव दल दर रहे हैं। दरअसल बारिश के बाद रेस्क्यू टीम का काम और कठिन हो जाएगा। कहा जा रहा है कि रविवार तक 67 फीसदी आग पर काबू पाया गया।
डोनाल्ड ट्रंप ने किया था प्रभावित क्षेत्र का दौरा:
शनिवार को अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आग से नष्ट हुए क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान कैलिफोर्निया के गवर्नर जेरी ब्राउन भी उनके साथ थे। दौरे के बाद ट्रंप ने कहा, ‘कैलिफोर्निया के जंगलों में इस भीषण और भयावह आग के लगने का कोई कारण नहीं है, वन प्रबंधन के कुप्रबंधन से यह सब हुआ।’ उन्होंने कहा, ‘हर साल इस क्षेत्र को अरबों डॉलर दिए जा रहे हैं, फिर भी इतनी जिंदगियां खत्म हो गई। यह सिर्फ वन प्रबंधन के खराब प्रबंधन की वजह से हुआ है।’
‘साथ मिलकर करें पीड़ितों की मदद’:
ट्रंप नें ये भी कहा कि पुनर्निर्माण कार्यो और पीड़ितों की मदद के लिए संघीय और कैलिफोर्निया सरकारें मिलजुलकर काम करें। ट्रंप ने एक बयान में कहा, ‘किसी ने सोचा भी नहीं था कि ऐसा कुछ हो सकता है। हमें इसे व्यवस्थित करना होगा। हम पर्यावरणीय समूहों के साथ मिलकर भी काम करेंगे।’