BY-THE FIRE TEAM
प्राप्त सूचनाओं के मुताबिक संयुक्त राज्य अमेरिका की शोधकर्ताओं की टीम ने एक ऐसा नायाब तरीका ढूँढ निकाला है जिसकी मदद से रक्त वाहिकाओं से लैस करके 3 डी स्किन तैयार की जा सकती है.
निःसंदेह बायोमेट्रिक की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि सिद्ध हो सकती है क्योंकि इसके द्वारा बनाए गए उतक बिल्कुल सजीव उत्तकों के जैसे हो सकते हैं.
आपको बता दें कि वर्तमान समय में थ्री डी प्रिंटेड स्किन का प्रयोग बायोमेडिकल पार्ट बनाने के लिए कोशिकाओं, उनको बढ़ने के लिए उत्तरदाई कारक एवं अन्य उपयोगी टूल्स के रूप में किया जाता है.
Indian origin scientist 3D prints skin with blood cells to heal diabetics & burn victim wounds
Indian origin professor of chemical and biological engineering Pankaj Karande and his team at Rensselaer Polytechnic Institute have developed a way to.. https://t.co/z1o93I4F7n— Arsalan Ashraf (@arshuaaa) November 6, 2019
इस शोध करने वाली टीम में भारतीय मूल के शोधार्थी पंकज कारंडे भी हैं जो अमेरिका के रेनसलर पॉलिटेक्निक इंस्टिट्यूट में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं, इन्होंने बताया कि-
“अभी हमारे पास घावों की चिकित्सा के लिए जो स्किन (उत्पाद) है वह फैंसी एड की तरह दीखते हैं हालाँकि ये घाव को भरने में सहायक हैं, किन्तु बाद में गिर जाते हैं.
इसकी सबसे बड़ी कमी यह है कि इन्हें शरीर के उत्तकों के साथ जोड़ा नहीं जा सकता है. इसके पीछे जो सबसे बड़ा कारण है वह त्वचा में संवहनी प्रणाली का न होना है.
अगर नियमित तौर पर स्किन को सही ढंग से पोषण मिलता है तभी ये जीवित रह पाती हैं अन्यथा ये डेड हो जाती हैं.
फैक्ट फाइल :
मानव के एनडीथिलियल कोशिकाओं के आस पास पैरासाइटिक कोशिकाओं का जाल पाया जाता है. यदि इन्हें कोलिजन और और त्वचा के प्रतिकृति के साथ जोड़
दिया जाये तो इनमें संवेदना आ जाती है. इसी सच्चाई के धरातल पर इस 3 डी स्किन को निर्मित किया गया है.