BY-THE FIRE TEAM
चिकित्सा की दुनिया में फिर से एक क्रांति होने की संभावना है क्योंकि ऋषभ ने अब ऐसी तकनीक इजाद किया है जिससे पैनक्रिएटिक कैंसर से पीड़ित लाखों लोगों की जान बचाने में मदद मिलेगी.
13 साल के ऋषभ जैन ने पैनक्रिएटिक कैंसर (अग्नाशय कैंसर) का जड़ से खत्म करने वाला इलाज ढूंढ निकाला है. आपको बता दें, पैनक्रिएटिक कैंसर को शरीर में लोकेट करना ही बेहद मुश्किल है. इसी वजह से इस कैंसर से पीड़ित लोगों का सरवाइवल रेट सिर्फ 7 से 12 प्रतिशत ही होता है.
वहीं, ऋषभ के इस आविष्कार से पैनक्रिएटिक कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो, उस जगह को टार्गेट कर इस कैंसर को धीरे-धीरे कम कर देता है. जबकि डॉक्टर अग्नाशय (Pancreas) के आस-पास के एरिया के सेल्स को खत्म कर इस कैंसर का इलाज करते हैं, जिसमें बहुत सारे हेल्दी सेल्स भी मर जाते हैं.
आपको बताते चलें कि यूएस के ओरेगन शहर के इंडियन-अमेरिकन ऋषभ ने डिस्कवरी एजुकेशन 3एम यंग साइंटिस्ट चैलेंज (Discovery Education 3M Young Scientist Challenge) को जीता है. इस चैलेंज में उन्हें 25000 डॉलर की इनाम राशि भी मिली.
ऋषभ ने बताया कि वो भविष्य में इस राशि को खुद की बनाई नॉनप्राॉफिट समयक साइंस सोसाइटी में लगाना चाहेंगे. इसके साथ पैनक्रिएटिक कैंसर के बारे में जागरुकता फैलाना चाहेंगे.
https://twitter.com/DiscoveryEd/status/1061001769847787522
क्या होता है पैंक्रियाटिक कैंसर?
पैंक्रिएटिक कैंसर अग्नाश्य का कैंसर होता है, प्रत्येक वर्ष अमेरिका में ४२,४७० लोगों की इस रोग के कारण मृत्यु होती है. इस कैंसर को शांत मृत्यु (साइलेंट किलर) भी कहा जाता है,
क्योंकि आरंभ में इस कैंसर को लक्षणों के आधार पर पहचाना जाना मुश्किल होता है और बाद के लक्षण प्रत्येक व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं.
सामान्यत: इस कैंसर के लक्षणों में एबडोमेन के ऊपरी हिस्से में दर्द होता है, भूख कम लगती है, तेजी से वजन कम होने की दिक्कतें, पीलिया, नाक में खून आना, उल्टी होना जैसी शिकायत होती है.
बड़ी उम्र (60 से ऊपर), पुरुष, धूम्रपान, खाने में सब्जियों और फल की कमी, मोटापा, मधुमेह, आनुवांशिकता भी कई बार पैंक्रिएटिक कैंसर की वजह होते हैं.
पैंक्रिएटिक कैंसर से पीड़ित ज्यादातर रोगियों को तेज दर्द, वजन कम होना और पीलिया जैसी बीमारियां होती हैं. डायरिया, एनोरेक्सिया, पीलिया वजन कम होने की मुख्य वजह होती है.
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी ने इसके लिए किसी भी तरह के दिशा-निर्देश नहीं बनाए हैं, हालांकि धूम्रपान को इस कैंसर के लिए 20 से 30 प्रतिशत तक जिम्मेदार माना जाता है.
पैंक्रिएटिक कैंसर का इलाज, इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर की अवस्था कौन सी है। रोगी की सजर्री की जाती है या फिर उसे रेडियोथेरेपी या कीमोथेरेपी दी जाती है.