जैसा कि हम जानते हैं हमारी पृथ्वी पर 71% हिस्सा जल का है तथा अधिकतर सभ्यताएं किसी न किसी नदी के किनारे विकसित हुई है.
ऐसे में अगर देखा जाए तो मानव ने स्थाई जीवन व्यतीत करते हुए मछली को एक प्रमुख खाद्य पदार्थ के रूप में प्रयोग करना शुरू किया.
आज मछली पालन देश में बड़े उद्योग का दर्जा प्राप्त कर चुका है जिसमें लाखों लोगों को रोजगार भी मिला हुआ है.
गोवा एक तटीय राज्य है जहां पर मछली पालन तथा उससे जुड़े अनेक उत्पाद लोगों की आजीविका के स्रोत है.
इसी क्रम में अगर देखा जाए तो गोवा सरकार के राज्य मत्स्य विभाग ने जो समुद्री पिंजरा खेती को बढ़ावा दिया है, वह आने वाले समय में दूसरे तटीय राज्यों के लिए प्रेरणादायक सिद्ध होगी.
मिली जानकारी के मुताबिक गोवा राज्य सरकार की समुद्री कृषि नीति के तहत देश में पहली बार ‘समुद्री पिंजरा खेती’ की शुरुआत गोवा के कैंडोलिम निवासी एक व्यक्ति के नेतृत्व में शुरू की गई है.
इस कृषि के अंतर्गत पीजी रूम में मछली पालन के माध्यम से मछली उत्पादन बढ़ाने का काम किया जाता है.
इस संबंध में मत्स्य पालन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि शेल्डन फर्नांडिस नाम के व्यक्ति को उत्तरी गोवा जिले के कैंडोलिम में खुले समुद्र में पिंजरा खेती करने का लाइसेंस दिया गया है.