मदर टेरेसा दुनिया के लिए शांति दूत थीं   : उनके विचार

                 अल्बानिया मूल की निवासी मदर टेरेसा जिन्होंने कालांतर में भारत की नागरिकता प्राप्त कर ली, आज उनकी 108 वीं जयंती है . उनका जन्म 26 अगस्त ,1910 को मैसिडोनिया के स्कोपजिस शहर में हुआ था .अपने समर्पण तथा त्याग की भावना के कारण वह अनेक पीड़ित ,असहाय ,रोगी व्यक्तियों की सेवा करना उन्होंने अपने जीवन का लक्ष्य बनाया.
मदर टेरेसा कैथोलिक नन थीं जिन्होंने अपने बलिदानों से मानवता के लिए आदर्श रखा .यही वजह है कि उन्हें वर्ष 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया .   इनके विचारों ने समाज में शांति और प्रेम बनाए रखने का कार्य किया है .उनकी बातों के कुछ अहम बिंदु निम्नलिखित हैं:

  •           यदि हमारे मन में शांति नहीं है तो इसकी वजह है कि हम भूल चुके हैं कि हम एक दूसरे के हैं
  •           भगवान यह अपेक्षा नहीं करते कि हम सफल हो वह तो केवल इतना चाहते हैं कि हम प्रयास करें
  •           हम कभी नहीं जान पाएंगे कि एक छोटी सी मुस्कान कितना भला कर सकती है और कितनों को खुशी दे सकती है
  •           लोग अवास्तविक, विसंगत और आत्म केंद्रित होते हैं फिर भी उन्हें प्यार दीजिए
  •           सबसे बड़ी बीमारी कुष्ठरोग या तपेदिक नहीं है बल्कि अवांछित होना है
  •           मुझे लगता है कि हम लोगों का दुखी होना अच्छा है मेरे लिए यह यीशु के चुंबन की तरह है
  •          छोटी-छोटी बातों में विश्वास रखें क्योंकि इन में ही आपकी शक्ति निहित है और यही आपको आगे तक ले जाती है

 

उपरोक्त विचारों को पढ़ और समझ कर यही बात स्पष्ट होती है कि हम सबसे पहले स्वयं की कमियों को दूर करें .हमारे मन में जो उलूल जुलूल बातें और तथ्य घूम रहे हैं उनमें अधिकतर निराधार है .हमें अपने देश को बेहतर बनाने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए तथा विश्व को एक सार्थक कल देने के लिए अग्रसर होना होगा.

By —- thefire.info  Team

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