- विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट ने 24 साल बाद सुनाई सजा
- आरक्षी चालक जगदीश सिंह को 2 हजार रुपए घूस लेते किया गया था गिरफ्तार
गोरखपुर: कानून के हाथ कितने लम्बे होते हैं इसका पता इसी से चल जाता है कि भ्रष्टाचार का जुर्म सिद्ध पाए जाने पर
विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में ओम प्रकाश मिश्र ने गोरखनाथ थाना क्षेत्र के मिर्जापुर पचपेड़वा निवासी
तत्कालीन आरक्षी चालक जगदीश सिंह को तीन साल के कठोर कारावास एवं 5 हजार रुपए के अर्थदंड से दण्डित किया है.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक घनश्याम त्रिपाठी का कहना था कि शिकायतकर्ता सुभाष चंद नायक के
शिकायती प्रार्थना पत्र पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा सहायक पुलिस अधीक्षक नवनीत को गोपनीय जांच का निर्देश दिया गया.
जांच में पाया गया कि मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी गोरखपुर के न्यायालय में सरकार बनाम सुभाष चंद नायक आदि के
मुकदमे में अभियुक्तों के विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट जारी किया गया है और तारीख पेशी 16 नवम्बर, 1998 नियत है.
वादी नवनीत आरएसआई रामसेवक यादव और आरक्षी राघवेंद्र सिंह के साथ सादे कपड़े में मंदिर के पास उपस्थित होकर शिकायतकर्ता सुभाषचंद नायक पर नजर रखे हुए थे.
इसी बीच थाने की जीप से अभियुक्त आरक्षी चालक जगदीश सिंह आया और गाड़ी रोककर प्रबंधक कक्ष की ओर गया और
शिकायतकर्ता से दो हजार रुपए रिश्वत की मांग की जहां अभियुक्त को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया.