गोरखपुर: नशाखोरी की लत वर्तमान में एक विकराल सामाजिक समस्या का रूप लेती जा रही है. वर्तमान समय में युवा वर्ग नशे की लत का शिकार अधिक हो रहा है.
इसके साथ ही साथ छोटे-छोटे बच्चे भी नशाखोरी की गिरफ्त में आ रहे हैं. इस समस्या के स्थायी निराकरण हेतु अपर पुलिस महानिदेशक, गोरखपुर जोन अखिल कुमार द्वारा ‘आपरेशन सुदर्शन’ नामक अभियान चलाया जा रहा है.
इस अभियान के तहत ही गोरखपुर स्थित गम्भीरनाथ प्रेक्षागृह में नशे के व्यसन से पीड़ित लगभग 250 व्यक्तियों/बच्चो के साथ गोष्ठी आयोजित की गयी.
उपरोक्त गोष्ठी के माध्यम से नशे की लत में पड़ गये लोगों के साथ सीधे संवाद स्थापित किया गया और उनके इस व्यसन की गिरफ्त में आने के कारणों के
सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की गयी कि वें किन परिस्थितियों में नशे की लत का शिकार हुये और इस दलदल में फँसे?
ज्यादातर नशा पीड़ित व्यक्तियों ने यह बताया कि नशेड़ियों और बुरी आदत वाले लोगों की संगत के कारण वे नशे की आदत का शिकार हुये.
कुछ नशा पीड़ित लोगों ने यह भी बताया कि पहले उनसे नशा करने वाले लोग स्मैक मँगवाते थे फिर धीरे-धीरे वे खुद ही स्मैक पीने की आदत सीखना शुरु कर दिये.
फिर नशे की लत को पूरा करने हेतु पैसा न मिलने पर घर में ही चोरी जैसे अपराध करने लगे. संवाद से यह तथ्य भी प्रकाश में आया कि ज्यादातर गरीब परिवार के बच्चे ही नशे के दलदल में फंसे हुए हैं.
हालांकि नशा पीड़ित व्यक्ति नशा छोड़ना चाहते हैं. ऐसी स्थिति में उनके तथा उनके परिवार के अन्दर जागरुकता पैदा करने की आवश्यकता है.
नशा पीड़ित व्यक्तियों के लिए भोजन, आवास, विद्यालय और चिकित्सा सुविधाओं की भी व्यवस्था करवाने की आवश्यकता प्रतीत होती है.
इस सम्बन्ध में विस्तृत कार्ययोजना बनाये जाने की कार्यवाही हेतु भी विचार-विमर्श किया गया. जिसमें विशिष्ट अतिथि के रुप में विधान परिषद सदस्य
धर्मेन्द्र सिंह के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नगर गोरखपुर, क्षेत्राधिकारीगण, बी0पी0ओ0 तथा सामाजिक कार्यकर्तागण उपस्थित रहे.