गोरखपुर: ‘अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान’ (एम्स) में नौकरी के नाम पर जालसाजी करने वाली चार महिलाओं को शुक्रवार रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
इन महिलाओं पर आरोप है कि इन्होंने 70 लोगों से 35 लाख की जालसाजी की है.
आरोपियों के खिलाफ खोराबार थाने में
केस दर्ज था तथा पुलिस तलाश में लगातार जुटी हुई थी. मुख्य आरोपी मीरा को पुलिस प्रयागराज से पकड़ कर लाई है.
पकड़ी गई आरोपियों की पहचान नंदा नगर निवासी मीरा श्रीवास्तव, मंजू शर्मा, मंजू गौड़ व रमावती के रूप में हुई है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नवंबर 2021 में मुख्य आरोपी मीरा श्रीवास्तव पत्नी सुनील जायसवाल शाहपुर थाना क्षेत्र के
दरगहिया में किराए पर रहते हुए रेडीमेड कपड़े का व्यवसाय करती थी. इस दौरान ही एम्स के एक डॉक्टर के घर पर उसका आना जाना हो गया था.
मीरा ने कोरोना काल के दौरान कुछ लोगों को एम्स में नौकरी दिलाने के नाम पर विश्वास में लेकर जालसाजी की.
करीब 70 लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर फंसाकर उनसे रुपये ऐंठ लिए. जब नौकरी नहीं मिली तो सभी मीरा से रकम वापस मांगने लगे.
इस पर मीरा ने उन्हें फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी. परेशान लोगों ने करीब चार महीने पहले एसएसपी से मुलाकात किया
जिसके बाद एसएसपी के आदेश पर खोराबार थाने में केस दर्ज कर पुलिस ने छानबीन शुरू कर दिया.
इन जालसाज महिलाओं के हौंसले इतने बुलंद थे कि इन्होंने महाराजगंज जनपद तक के युवाओं को अपने फंदे में फ़ांस कर उन्हें चूना लगा दिया.
मुख्य आरोपी मीरा ने अपने जानने वाली अन्य महिलाओं से संपर्क कर लोगों को जालसाजी का शिकार बनाया.
खोराबार, मोतीराम अड्डा, गीडा, गुलरिहा, कुशीनगर, झंगहा, रजही के अलावा महराजगंज के युवाओं को भी उसने अपनी जालसाजी का शिकार बनाया.
पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर यह जानने की कोशिश कर रही है कि कहीं एम्स में कार्यरत कोई अन्य तो इस ग्रुप में शामिल नहीं है.
एसपी सिटी कृष्ण कुमार बश्नोई ने दर्ज केस की छानबीन कर आरोपियों को पकड़ा है, पूछताछ की जा रही है, मिली जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.