पेंशन कर्मचारियों का मौलिक अधिकार, इसे खत्म नहीं कर सकती सरकार– अश्वनी

  • NPS व्यवस्थापिका और कार्यपालिका के बीच की खाई, इसे खत्म करे सरकार– मदनमुरारी

गोरखपुर: ‘राज्य कर्मचारी संघ परिषद’ की एक आवश्यक बैठक बोर्ड ऑफिस गोरखपुर में संपन्न हुई जिसकी अध्यक्षता बोर्ड ऑफिस के अध्यक्ष कनिष्क गुप्ता एवं संचालन मदन मुरारी शुक्ल ने किया.

बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में परिषद अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव एवं विशिष्ट अतिथि मंत्री अश्वनी श्रीवास्तव मौजूद रहे. अपने संबोधन में मुख्य अतिथि ने कहा कि

“रामराज्य वाली यह सरकार माननीय उच्चतम न्यायालय के चीफ जस्टिस वाई वी चंद्रचूड़ के अध्यक्षता में 1982 में आए 5 जजों के उस फैसले की अवहेलना कर रही है जिसमें पुरानी पेंशन को कर्मचारियों का मौलिक अधिकार बताया गया है.”

यह निम्मनवत है:

1. पेंशन कर्मचारियों का मौलिक अधिकार है 2. पेंशन केवल पिछली सेवाओं के लिए एक पुरस्कार है 3. पेंशन किसकी भीख नहीं है

4. किसी सरकार के पास पेंशन रद्द करने का अधिकार नहीं है 5. पेंशन ही एक कल्याण है जो आर्थिक न्याय प्रदान करती है 6. पेंशन एक जीवित भत्ता है जो हर सेवानिवृत कर्मचारी को सम्मान के साथ जीने के लिए दिया जाता है

मंत्री अश्वनी श्रीवास्तव ने कहा कि पेंशन कर्मचारियों का मौलिक अधिकार, इसे सरकार समाप्त नहीं कर सकती है. इसलिए सरकार इसे पुनः बहाल करे.

संचालन कर रहे उपाध्यक्ष मदन मुरारी शुक्ल ने कहा कि-“NPS व्यवस्थापिका और कार्यपालिका के बीच खाई पैदा कर रहा है जहां व्यवस्थापिका को पुरानी पेंशन मिल रही हैं वहीँ कार्यपालिका को एनपीएस देकर सरकार अपना दोहरा चरित्र उजागर कर रही है.”

अध्यक्षता कर रहे कनिष्क गुप्ता ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली तक संघर्ष जारी रहेगा क्योंकि उच्चतम न्यायालय के फैसले की अवहेलना हो रही है.

इस अवसर पर वरुण बैरागी गोविंद जी, मदन मुरारी शुक्ल, बंटी श्रीवास्तव, राजेश सिंह, कनिष्क गुप्ता, प्रभुदयाल सिन्हा फुलई पासवान, संतोष गुप्ता, विनीता सिंह, विजय शर्मा, अनूप कुमार आदि उपस्थित रहे.

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