- पगलाया हाथी गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा के विधायक विपिन सिंह का है
मिली जानकारी के मुताबिक गोरखपुर जनपद के सदर थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर माफी गांव में एक हाथी पूजा के समय यज्ञ के दौरान बेकाबू हो गया.
तत्पश्चात इसने भारी तांडव मचाते हुए कई लोगों को रौंद दिया. इस क्रम में 3 लोगों के मारे जाने की भी सूचना प्राप्त हुई है.
मृतकों की सूची में कांति देवी जिनकी उम्र 55 वर्ष है, शंकर उपाध्याय की पत्नी हैं तथा ग्राम मोहम्मदपुर माफी की रहने वाली थीं.
वहीं कौशल्या देवी जिनकी उम्र 50 वर्ष बताई जा रही है जबकि एक 4 वर्षीय बालक कृष्णा पुत्र राजीव की भी मृत्यु की खबर प्राप्त हुई है.

हाथी के तांडव को देखकर वन विभाग की टीम इसे काबू करने के प्रयास में जुटी हुई है. मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है जबकि घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया है.
ताजा समाचार लिखे जाने तक ट्रेंकुलाइजर गन से शॉट देकर हाथी पर काबू पा लिया गया है. बताते चलें कि लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का आयोजन किया गया था जिसमें लगभग 1000 लोग शामिल हुए थे.
16 से 24 फरवरी तक गांव में इस यज्ञ का आयोजन किया जाता है जिसमें 1:30 के करीब कलश यात्रा निकाला जाता है.
इसमें महिलाएं जल भरने के लिए जाती हैं जिनके साथ यात्रा में शामिल होने के उद्देश्य से दो हाथी और दो ऊँट किराए पर लाए गए थे.
हाथी देखकर उसके साथ फोटो खिंचवाने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई. भीड़ और शोर की वजह से हाथी भड़क गया और उसने पूजा कर रही दो महिलाओं
कांति देवी तथा कौशल्या देवी को अपनी सूंड में लपेट कर पटक दिया जिससे मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई. जबकि 4 वर्षीय बालक जो लंबे समय से बीमार चल रहा था,
उसको हाथी से आशीर्वाद दिलाने के लिए ननिहाल लाया गया था. बच्चे के विषय में बताया जा रहा है कि अभी 3 माह पूर्व ही इसी मंदिर पर इस बच्चे का मुंडन संस्कार हुआ था.
घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गांव के लोग बार-बार महावत से हाथी को दूर ले जाने के लिए कह रहे थे किंतु उसका पूजन करने तथा
चढ़ावा के लालच में सारे लोग हाथी के पास इकट्ठा होकर उसे छूने लगे जिसकी वजह से अचानक हाथी भड़क गया.
13 जनवरी, 2020 को भी इस हाथी ने अपने महावत शब्बीर (25 वर्षीय) को पटक कर मार डाला था जिसके बाद हाथी को जब्त कर लिया गया था. किंतु बाद में विधायक विपिन सिंह उसे छुड़ाकर वापस लेकर चले गए थे.